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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Rupee Strengthens): आज कई दिन की कमजोरी के बाद रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूती के साथ खुला है। विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 3 पैसे की मजबूती के साथ 79.84 रुपये के स्तर पर खुला। जबकि एक दिन पहलले सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे की कमजोरी के साथ 79.87 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।
गौरतलब है कि रुपया जब जब कमजोर होता है तो इससे आयात शुल्क समेत कई तरह का बोझ पड़ता है। रुपये की कमजोरी थामने के लिए रिजर्व बैंक आफ इंडिया कई तरह के प्रयास करता रहता है। हाल ही आरबीआई ने कई ठोस कदम भी उठाए हैं।
आज भारतीय शेयर बाजार निगेटिव ग्लोबल सेंटीमेंट्स के बीच मामूली गिरावट में कारोबार कर रहा है। सेंसेक्स 125 अंकों की गिरावट के साथ 58650 पर और निफ्टी 20 अंकों की मामूली गिरावट के साथ 17470 पर कारोबार कर रहा है।
बीते दिन सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 9 पैसे की कमजोरी के साथ 79.87 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। इससे पहले शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे कमजोर होकर 79.78 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। वीरवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे की कमजोरी के साथ 79.68 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। जबकि बुधवार को रुपया 21 पैसे मजबूत हुआ था और यह 79.44 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।
डॉलर महंगा या सस्ता होने पर देश के आयात पर सीधा असर करता है। जैसे कि भारत अपनी जरूरत का लगभग 80 फीसदी क्रूड आयल आयात करता है। इसका भुगतान डॉलर में करना होता है। यदि डॉलर महंगा होता है तो हमें ज्यादा कीमत देनी पड़ती है। भारत को काफी ज्यादा खर्च करना पड़ता है।
इससे देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बनाता है और इस कारण रुपये की कीमत भी प्रभावित होती है। वहीं यदि डॉलर सस्ता होता है तो खर्चा कम होता है। इससे राहत मिलती है। प्रतिदिन डॉलर में उतार चढ़ाव के कारण रुपये की स्थिति बदलती रहती है।
रुपय के दाम किसी व्यक्ति विशेष के हाथ में नहीं होता है। यह लोगों की मांग पर निर्भर करत है। इस पर बाजार के उतार-चढ़ाव, देश का विदेशी मुद्रा भंडार, देश की अर्थव्यवस्था का असर होता है। यानि कि रुपए की कीमत इसकी खरीद-फरोख्त पर निर्भर करती है। रुपए की मांग जितनी ज्यादा होती है, इसके दाम डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत उतने ही अधिक होंगे लेकिन यदि रुपए की मांग कम होगी तो डॉलर की तुलना में इसकी कीमत कम हो जाएगी।
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