India News(इंडिया न्यूज),Multibagger Share: अगर आपके भी मन में बार-बार व्यापार के जरिए करोड़पति बनने का सपना आता है तो मार्केट को पढ़ना पड़ेगा। किस कंपनी का स्टॉक खरीदना है, किस समय बेचना है? अगर ये सब आ गया तो आपको करोड़पति बनने से कोई नहीं रोक सकता है। नए लोगों की अपेक्षा जो लोग पहले से ट्रेडिंग कर रहें हैं उनके लिए शेयर मार्केट से पैसे कमाना आसान है। आपके लिए भी आसान हो सकता है अगर आपने मल्टीबैगर शेयर की पहचान कर ली तो। अब सवाल ये उठता है कि आखरि मल्टीबैगर शेयर क्या होते हैं। आज हम आपको इसकी पूरी कहानी बताएंगे। क्या होता है मल्टीबैगर शेयर और किसने की सबसे पहले इसकी शुरूआत?
मल्टी यानी कई गुना। अगर हम आसान भाषा में आपको समझाना चाहें तो वो शेयर जो आपको कई गुना तक का रिटर्न देते हैं मल्टीबैगर कहलाते हैं। उदाहरण से समझें तो मान लीजिए A नाम की कोई कंपनी है. उसने अपने आपको शेयर मार्केट में लिस्ट कराया। 1 शेयर की वैल्यू 10 रुपए है। आपने 10 हजार शेयर खरीद लिए, यानी 1 लाख रुपए आपने इनवेस्ट कर दिए। अब 2 साल बाद A नाम की कंपनी की 1 शेयर की वैल्यू 10 हजार के हो जाएं। इसका मतलब आपने जो 10 रुपए का एक शेयर लिया था। अब वह 10 हजार रुपए का हो गया है। अगर आप अपनी सभी शेयर जितने आपने खरीदे हैं उसकी कीमत कैलकुलेट करें तो यह 1 करोड़ रुपए हो जाएगी। सीधा-सीधा कहें तो आपने 1 लाख रुपए निवेश किए थे और आपको 1 करोड़ रुपए मिल रहे हैं।
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दूसरे शब्दों में कहें तो मल्टीबैगर शेयर ऐसे होते हैं जिनमें आपको आपके निवेश किये गए पैसे का दस गुना यहां तक कि हजारों गुना रिटर्न मिल सकता है। मल्टीबैगर शेयरों को खरीदने से पहले आपको रिसर्च और विश्लेषण करना पड़ता है। क्योंकि मार्केट के उतार-चढ़ाव से ऐसे शेयर बहुत प्रभावित होते हैं। इसी प्रकार की और भी कई ऐसी शब्दावली है जो शेयर मार्केट में इस्तेमाल की जाती है।
मल्टीबैगर शब्द का इस्तेमाल अमेरिकी निवेशक पीटर लिंच ने पहली दफा 1998 में प्रकाशित अपनी किताब “वन अप ऑन वॉल स्ट्रीट” (One Up On Wall Street) में किया था। इस शब्द की प्रेरणा उनको बेसबॉल से मिली। बेसबॉल खिलाड़ी की सक्सेस उनके घर पर मिलने वाली “बैग” या “बेस” की संख्या से मापी जाती है। जैसे एक बैग में सामान या गेंदों को भर भरकर रखा जाता है। ठीक उसी प्रकार एक मल्टीबैगर शेयर भी इन्वेस्टर्स को भर भर के रिटर्न देता है।
आपको बताते चलें, मल्टीबैगर शेयर को पहचानने का कोई एक फिक्स तरीका नहीं है। कंपनी के कई आयामों को समझना पड़ता है। आमतौर पर बड़े निवेशन मल्टीबैगर शेयर की पहचान के लिए 26 का फॉर्मूला अपनाते हैं। ये फॉर्मूला कहता है कि जिस कंपनी के शेयर एक साल में 26 फीसदी का रिटर्न देते हैं आगे चलकर वो मल्टीबैगर बन सकते हैं। ऐसी कंपनियों के शेयर मोटा रिटर्न दे सकते हैं।
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