संबंधित खबरें
भारत में कैसे करोड़पति बन रहे 30 की उम्र के लोग? 2030 तक होने वाला है बड़ा धमाका, जानें कमाई के 3 जबरदस्त तरीके
निर्मला सीतारमण ने भगोड़े विजय माल्या को खून के आंसू रुलाया, कैसे विदेश में बैठे क्रिमिनल को निचोड़ा? खुद सुनाया दोगुने लगान का दर्द
हाईकोर्ट ने धारावी झुग्गी बस्ती के पुनर्विकास के लिए Adani Group को दिए गए टेंडर को रखा बरकरार
Adani की सकारात्मकता के मुरीद हुए Kapil Dev, टीम इंडिया को दी सीख लेने की नसीहत
कौन हैं विधि सांघवी जो चलाती हैं ₹44,820 करोड़ की कंपनी? इनके नेतृत्व में रॉकेट की रफ्तार से भर रही है उड़ान, मुकेश अंबानी से है खास कनेक्शन
अदाणी समूह ने 'We Do It' अभियान की घोषणा की, जाने कैसे आम लोगों को मिलेगी इससे मदद?
IRDAI Insurance Cover Proposal: अगर आप दोपहिया वाहन (Two Wheeler) या चार पहिया वाहन (Four Wheeler) का इस्तेमाल करते है, तो बीमा क्षेत्र के नियामक इरडा (Insurance Regulatory and Development Authority -IRDAI) ने बुधवार को कारों के लिए 3 साल और बाइक के लिए 5 साल की बीमा पॉलिसी (Insurance Policy) देने का प्रस्ताव पेश किया है। बता दें कि इसका उद्देश्य देश में बीमा के प्रसार को बढ़ाना और 2047 तक ‘सभी के लिए बीमा’ के लक्ष्य को हासिल करना है। इसके साथ ही सभी बीमा ग्राहकों को कई तरह के विकल्प देकर बेहतर सुविधा देना है।
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने ‘मोटर थर्ड पार्टी बीमा और स्वयं को हुई क्षति बीमा’ दोनों को कवच प्रदान करने वाले लॉन्ग टर्म मोटर प्रोडक्ट को लेकर प्लान तैयार किया है। इस नए मसौदे में सभी सामान्य बीमाकर्ताओं को प्राइवेट कारों के लिए 3 साल की बीमा पॉलिसी और दोपहिया वाहनों के लिए 5 साल की मोटर थर्ड पार्टी कवर के साथ सह-टर्मिनस की पेशकश करने की अनुमति देने का प्रस्ताव बनाया गया है।
बीमा कंपनियों से IRDAI ने 1 सितंबर, 2018 से या उसके बाद खरीदी गई नई कारों और दोपहिया वाहनों के लिए लॉन्ग टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी ऑफर करने को कहा था। लेकिन 1 सितंबर, 2019 से, उस गाइडलाइन्स में छूट दी गई थी। उस समय कहा गया था कि ये नियम सिर्फ नए निजी वाहनों पर लागू होगा। पुराने वाहनों के पॉलिसी रिन्यू पर लागू नहीं होगा।
इस मामले में बीमा नियामक IRDAI ने 25 नवंबर को कई सुधारों को मंजूरी दी थी। इसमें बीमा कारोबार के लिए प्रवेश नियमों को आसान बनाना और ‘सॉल्वेंसी मार्जिन’ में कमी शामिल थी। बीमा नियामक ने अपनी बोर्ड बैठक में निजी इक्विटी फंड को बीमा कंपनियों में सीधे निवेश करने की अनुमति दी थी।
IRDAI का कहना है कि कोई इकाई जो चुकता पूंजी का 25 फीसदी तक और सामूहिक रूप से सभी निवेशकों का 50 फीसदी तक निवेश करती है, उसे बीमा कंपनियों में ‘निवेशक’ माना जाएगा। इससे अधिक निवेश करने वाले को ही ‘originator या जनक’ माना जाएगा। पहले ये सीमा व्यक्तिगत निवेशकों के लिए 10 फीसदी और सामूहिक रूप से सभी निवेशकों के लिए 25 फीसदी तक थी।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.