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पर्सनल लोन को लेकर 5 बड़ी गलतफहमियां, फटाफट जान लें, वरना पड़ जाएगा फाइनेंशियल बोझ

Personal Loan Facts: आज के टाइम पर हर इंसान को अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पुरा करने के लिए पर्सनल लोन की जरूरत पड़ती है. ऐसे में आज हम उन 5 गलतफहमियों को जानेंगे जो कि पर्सनल लोन को लेकर जुड़ी हुई है.

Written By: shristi S
Last Updated: December 20, 2025 22:38:58 IST

Personal Loan Myths: पर्सनल लोन लोगों के लिए अपनी रोजमर्रा की जरूरतों और बड़े खर्चों को पूरा करने का एक जरूरी जरिया बन गया है. लोग मेडिकल इमरजेंसी, बच्चों की पढ़ाई, घर की मरम्मत, या परिवार के दूसरे जरूरी खर्चों के लिए तेज़ी से पर्सनल लोन ले रहे हैं. हालांकि, जानकारी की कमी और अधूरी समझ के कारण, पर्सनल लोन के बारे में कई गलतफहमियां बनी हुई हैं. ये गलतफहमियां न सिर्फ लोगों को कन्फ्यूज करती हैं, बल्कि अक्सर उन्हें सही फाइनेंशियल फैसले लेने से भी रोकती हैं.

गलतफहमी 1: पर्सनल लोन सिर्फ सैलरी पाने वाले लोगों के लिए 

सबसे आम गलतफहमी यह है कि पर्सनल लोन सिर्फ सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को ही मिलते हैं. सच यह है कि सेल्फ-एम्प्लॉयड लोग, बिज़नेस मालिक, स्टार्टअप फाउंडर, और यहां तक ​​कि पेंशन पाने वाले लोग भी पर्सनल लोन के लिए एलिजिबल हो सकते हैं. बैंक और फाइनेंशियल संस्थान यह देखते हैं कि आवेदक की इनकम स्टेबल है या नहीं और क्या वे समय पर EMI चुकाने में सक्षम हैं. इसलिए, इनकम का सोर्स उतना ज़रूरी नहीं है जितनी इनकम की रेगुलरिटी और चुकाने की क्षमता.

गलतफहमी 2: कम क्रेडिट स्कोर का मतलब है ऑटोमैटिक रिजेक्शन

लोग अक्सर मान लेते हैं कि कम क्रेडिट स्कोर होने पर पर्सनल लोन मिलना नामुमकिन है. हालांकि यह सच है कि 750 या उससे ज़्यादा स्कोर होने पर लोन मिलना आसान हो जाता है, लेकिन कम स्कोर का मतलब यह नहीं है कि लोन रिजेक्ट ही हो जाएगा. बैंक इनकम, नौकरी या बिजनेस की स्टेबिलिटी, मौजूदा कर्ज़ और पेमेंट हिस्ट्री पर भी विचार करते हैं. हालांकि, कम स्कोर वाले लोगों को ज़्यादा इंटरेस्ट रेट या सख्त शर्तों पर लोन मिल सकता है.

गलतफहमी 3: पर्सनल लोन की इंटरेस्ट रेट बहुत ज़्यादा होती हैं

यह एक आम धारणा है कि पर्सनल लोन की इंटरेस्ट रेट बहुत ज़्यादा होती हैं. असल में, ज़्यादातर मामलों में, पर्सनल लोन की इंटरेस्ट रेट 10 से 15 प्रतिशत प्रति वर्ष के बीच होती है. कमज़ोर क्रेडिट प्रोफाइल वाले या जिन्होंने EMI डिफॉल्ट किया है, उनके लिए रेट ज़्यादा हो सकती हैं. हालांकि, क्रेडिट कार्ड की इंटरेस्ट रेट की तुलना में, जो 35 से 45 प्रतिशत तक हो सकती हैं, पर्सनल लोन एक सस्ता और बेहतर ऑप्शन हो सकता है, बशर्ते नियम और शर्तें ठीक से समझ ली जाएं.

गलतफहमी 4: अगर आपके पास पहले से एक पर्सनल लोन है, तो आपको नया पर्सनल लोन नहीं मिलेगा

बहुत से लोग सोचते हैं कि अगर उनके पास पहले से कोई लोन है, तो नया पर्सनल लोन मिलना मुश्किल है. हालांकि, बैंक इसे इस तरह से नहीं देखते हैं. वे आपकी इनकम की तुलना में आपकी कुल EMI, यानी आपके डेट-टू-इनकम रेश्यो को देखते हैं. अगर आपकी इनकम अतिरिक्त EMI को संभाल सकती है और आपका पेमेंट रिकॉर्ड अच्छा है, तो आपको दूसरा पर्सनल लोन मिल सकता है. एक अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री और समय पर पेमेंट यहां बहुत जरूरी भूमिका निभाते हैं.

गलतफहमी 5: पर्सनल लोन सिर्फ़ पर्सनल खर्चों के लिए होते हैं

भले ही नाम से ऐसा लगे कि पर्सनल लोन सिर्फ़ पर्सनल खर्चों तक सीमित हैं, लेकिन असल में, इनका इस्तेमाल कई कामों के लिए किया जा सकता है. लोग इन्हें बिज़नेस इन्वेस्टमेंट, पढ़ाई के खर्च, पुराने कर्ज़ चुकाने, या मेडिकल इमरजेंसी के लिए लेते हैं. बैंक आमतौर पर लोन की रकम कैसे इस्तेमाल की जाएगी, इस पर कोई सख्त पाबंदी नहीं लगाते हैं. हालांकि, किसी भी गलतफहमी से बचने के लिए, लोन लेने से पहले बैंक से नियम और शर्तों को अच्छी तरह समझना समझदारी है.

सही जानकारी सही फाइनेंशियल फैसले लेने में करती है मदद

पर्सनल लोन एक उपयोगी फाइनेंशियल टूल है, लेकिन तभी जब इससे जुड़ी असलियत को ठीक से समझा जाए. अफवाहों और गलतफहमियों के आधार पर फैसले लेने से भविष्य में फाइनेंशियल तनाव बढ़ सकता है. इसलिए, लोन लेने से पहले, अपनी जरूरतों, चुकाने की क्षमता और नियम और शर्तों का आकलन करना जरूरी है. सही जानकारी के साथ लिया गया पर्सनल लोन न सिर्फ़ मुश्किल समय में मदद करता है, बल्कि फाइनेंशियल स्थिरता बनाए रखने में भी मददगार साबित होता है.

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