8th Pay Commisssion: 8वें वेतन आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति अभी तक नहीं हुई है. साथ ही, इसके संदर्भ की शर्तें (ToR) भी तय नहीं हुई हैं. 1.2 करोड़ से ज़्यादा केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग के गठन का काफी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं, जो उनके वेतन और पेंशन में बड़ा बदलाव करेगा. 16 जनवरी, 2025 को सरकार की मंज़ूरी के बावजूद, वेतन आयोग का औपचारिक गठन नहीं हुआ है.
कितना जरूरी है ToR?
किसी भी वेतन आयोग के कार्य आरंभ करने के लिए ToR एक महत्वपूर्ण घटक है. यह वेतन संरचना, भत्ते, सेवानिवृत्ति लाभ और बाकी बातों का निर्धारण करता है जो आयोग की सिफारिशों के अधीन होते हैं. ToR किसी भी वेतन आयोग के संचालन के लिए आधार का काम करता है. ToR की सूचना दिए बिना अध्यक्ष और आयोग के सदस्यों को नामित नहीं किया जा सकता. ToR के बिना, आयोग को औपचारिक रूप से स्थापित नहीं माना जाता है और वो अपना कार्य आरंभ नहीं कर सकता है.
क्यों हो रही 8वें वेतन आयोग के गठन में देरी?
सातवें वेतन आयोग की घोषणा सितंबर 2013 में हुई थी और इसके अध्यक्ष और कार्य-दर-प्रणाली (ToR) की अधिसूचना फरवरी 2014 में जारी की गई थी. हालांकि, 16 जनवरी, 2025 को आठवें वेतन आयोग की घोषणा के बाद से, आयोग के कार्य-दर-प्रणाली (ToR) अभी भी लंबित हैं. सरकार ने आयोग के अध्यक्ष और बाक़ी सदस्यों की नियुक्ति की भी आधिकारिक घोषणा नहीं की है. यह आठवें वेतन आयोग के गठन में देरी का संकेत देता है.
पिछले आयोग के अनुसार, इसके गठन के समय से कार्यान्वयन प्रक्रिया में आमतौर पर दो से तीन साल लगते हैं. 2025 के समाप्त होने में अभी तीन महीने से ज़्यादा का समय बचा है, इसलिए पिछले आयोगों की समय-सीमा को ध्यान में रखते हुए भी, 8वें वेतन आयोग का कार्यान्वयन 2027 के मध्य या 2028 की शुरुआत से पहले संभव नहीं लगता.