शुद्धता में होता है फर्क
आमतौर पर सोने के हार 22 कैरेट के बनाए जाते हैं, जबकि सोने के सिक्के 24 कैरेट के होते हैं.
- 22 कैरेट सोना: इसमें थोड़ी मात्रा में अन्य धातुएं मिली होती हैं, जिससे हार मजबूत बनता है.
- 24 कैरेट सोना: यह लगभग शुद्ध सोना होता है, इसलिए सिक्कों में इसका इस्तेमाल होता है.
शुद्धता में यह फर्क ही सोने की कीमत पर सीधा असर डालता है.
निर्माण शुल्क बनता है बड़ा कारण
हार बनाने में डिजाइन और कारीगरी की अहम भूमिका होती है. हार पर मेकिंग चार्ज (निर्माण शुल्क) आमतौर पर सोने की कीमत के 5% से 30% तक हो सकता है। डिजाइन जितनी बारीक होगी, शुल्क उतना ज्यादा. दूसरी ओर, सिक्कों पर निर्माण शुल्क काफी कम होता है आमतौर पर 3% से 11% तक. यही वजह है कि समान वजन होने के बावजूद हार की कीमत ज़्यादा होती है.
GST दोनों पर समान लेकिन असर अलग
सोने के हार और सिक्के दोनों पर कुल कीमत (सोना + निर्माण शुल्क) पर 3% GST लगता है. हार पर निर्माण शुल्क अधिक होने के कारण GST की राशि भी अधिक बन जाती है. जबकि सिक्कों पर यह अपेक्षाकृत कम होती है, इससे कुल कीमत में अंतर साफ दिखने लगता है.
कीमत का अनुमान
22 कैरेट सोने के दो तोले के हार की कुल कीमत निर्माण शुल्क और जीएसटी जोड़ने के बाद लगभग ₹3,58,000 तक पहुंच जाती है. वहीं 24 कैरेट सोने के दो तोले के सिक्के की कीमत लगभग ₹3,57,000 रहती है. दिलचस्प बात यह है कि शुद्ध सोना होने के बावजूद सिक्का हार से थोड़ा सस्ता पड़ता है. हार को जब आप दोबारा बेचते हैं, तो मेकिंग चार्ज वापस नहीं मिलता. इससे उसकी कुल वापसी कीमत कम हो जाती है. जबकि सोने के सिक्के की पूरी कीमत वजन के हिसाब से वापस मिलती है, क्योंकि उसमें कोई कारीगरी का नुकसान नहीं होता.
हार या सिक्काक्या है बेहतर विकल्प?
हार: पारंपरिक और सौंदर्य के लिए खरीदा जाता है, फैशन और आभूषण के शौक के लिए उपयुक्त.
सिक्का: निवेश के लिहाज से ज़्यादा फायदेमंद, क्योंकि इसमें शुद्धता अधिक और निर्माण शुल्क कम होता है.