EPFO Pension: प्राइवेट नौकरी में EPFO से मिलने वाली पेंशन को EPS (Employees’ Pension Scheme, 1995) कहा जाता है. यह सरकार द्वारा चलाई जाने वाली मासिक पेंशन योजना है, जो प्राइवेट नौकरी करने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद मिलती है। EPF और EPS के तहत मिलने वाली यह पेंशन पूरी तरह इस बात पर निर्भर करती है कि व्यक्ति ने कितने साल तक नौकरी की है और उसकी आखिरी में सैलरी कितनी थी.
अगर किसी कर्मचारी ने दस साल तक किसी संस्था में कार्यरत है तो उसे 58 साल की आयु के बाद उसे हर महीने तय फॉर्मूले के हिसाब से पेंशन मिलती है. लेकिन यदि कर्मचारी ने 10 साल पूरे होने से पहले ही नौकरी करना छोड़ दिया है तो उसे मासिक पेंशन नहीं मिलेगी, उसे सिर्फ जमा की गई राशी ही मिलेगी.
पेंशन कब और किसे मिलती है?
कोई भी व्यक्ति जिसने कम से कम 10 साल की नौकरी (EPS सेवा) की है, उसे 58 साल की उम्र में पुरी पेशन मिलती है। 50 से 57 साल में पेंशन लेने पर कम पेंशन मिलती है. यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो पेशन परिवार को मिलती है.
30 साल नौकरी करने पर मिलेगी कितनी पेंशन?
EPFO पेंशन का सिधा और आसान फॉर्मूला होता है.
मासिक पेंशन = (पेंशन योग्य सैलरी × पेंशन योग्य सेवा/सर्विस के साल) ÷ 70
यहां पेंशन योग्य सैलरी का मतलब है, आखिरी 5 साल की Basic + DA का औसत (अधिकतम ₹15,000)
उदाहरण से समझें:-
किसी व्यक्ति की पेंशन योग्य सैलरी 15,000 रुपये माना जाए और उसने 30 साल तक लगातार काम किया है, तो उसकी मासिक पेंशन होगी:-
सेवा = 30 साल
पेंशन योग्य सैलरी = ₹15,000
तो पेंशन होगी: (15,000 × 30) / 70 = ₹6,428 प्रति माह पेंशन.
आप रिटायर होंगे तो आपको कितनी मिलेगी पेंशन?
मान लीजिए आप 2030 में रिटायर होने वाले हैं और आपकी कुल सर्विस सेवा 20 साल है, उस हिसाब से हम कैल्कुलेट कर के देख सकते हैं:-
पेंशन योग्य सैलरी = ₹15,000
पेंशन योग्य सर्विस = 20 साल
कैलकुलेशन: 15,000 × 20 ÷ 70 = ₹4,285 प्रति महीना
यानी इस हिसाब से आप को प्रतिमाह 4,285 रुपये की पेंशन मिलेगी। लेकिन यह पेंशन 58 साल की उम्र से शुरू होगी। लेकिन यदि आप 50 साल की आयु से पेंशन लेने का चुनाव करते हैं तो आपकी पेंशन 4% कम हो जाएगी. वहीं, 58 साल के बाद पेंशन को टालने पर (60 साल तक) रकम हर साल लगभग 4% बढ़ती है.