इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
यूक्रेन पर लगातार जारी हमलों के विरोध में यूरोपीय संघ ने रूस से तेल खरीद पर कई और प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल (Crude Oil) बुधवार को 105 डॉलर के पार पहुंच गया। जबकि इससे पहले 2 दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 10 फीसदी की गिरावट आई थी।
लेकिन यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों को कई देशों से समर्थन हासिल हुआ है। इससे रूस से होने वाली आपूर्ति भी बाधित होने की चिंता बढ़ गई है। यही कारण है कि ब्रेंट क्रूड 2.99 फीसदी बढ़कर 105.45 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया। बाजार जानकारों का कहना है कि यूरोपीय संघ के रूसी तेल पर प्रतिंबध लगाने के प्रस्ताव से आने वाले समय में तेल की कीमतें और बढ़ सकती हैं।
मोर्गन स्टेनली के कहा है कि रूस-यूक्रेन के बीच 78 दिन से जारी युद्ध के कारण दुनियाभर में आपूर्ति पर असर पड़ा है। इससे रिकार्डतोड़ महंगाई बढ़ रही है। महंगाई की वजह से भारत की विकास दर भी प्रभावित हो सकती है। भारत दुनिया में तेलों के आयात में तीसरा सबसे बड़ा बाजार है।
ऐसे में भारत की जीडीपी (GDP) की वृद्धि दर कम हो सकती है। मोर्गन स्टेनली के चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर 7.6 फीसदी रह सकती है। अगले साल में इसके एक फीसदी घटकर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान है।
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