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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
विदेशी संस्थागत निवेशक (FPI) का भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला इस हफ्ते भी जारी रहा। एनएसडीएल से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, जून में एफपीआई अभी तक शुद्ध रूप से 13,888 करोड़ रुपए भारतीय बाजार से निकाल चुके हैं। इससे पहले 2 महीनों अप्रैल और मई में एफपीआई ने बाजार से क्रमश: 39,993 करोड़ और 17,144 करोड़ रुपए भारतीय बाजार से निकाले थे। वहीं मार्च में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 41,243 करोड़ रुपए की निकासी की थी।
एफपीआई की लगातार निकासी के कारण घरेलू शेयर मार्केट में गिरावट का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बाजार में अगर किसी दिन खरीदारी आती भी है तो फिर अगले कई दिन बिकवाली के बाद बाजार पहले से भी नीचे चला जाता है। एफपीआई 2022 में अभी तक घरेलू शेयर मार्केट से शुद्ध रूप से 1.81 लाख करोड़ रुपए निकाल चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक 24 फरवरी को रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया था, तभी से बाजार में बिकवाली हावी है। वहीं इस युद्ध के कारण सप्लाई चेन में रुकावट आने से महंगाई भी चरम पर पहुंच गई है। महंगाई को कंट्रोल करने के लिए भारत, अमेरिका समेत यूरोप के कई देशों ने ब्याज दरें भी बढ़ाई है। इस कारण एफपीआई बाजार से निकासी कर रहे हैं।
ऐसे में हर किसी के मन में सवाल उठता है कि आखिर कब तक एफपीआई की निकासी जारी रहेगी। कब बिकवाली रुकेगी और बाजार संभलेगा। हालांकि कुछ जानकारों का मानना है कि इसे लेकर कुछ सकारात्मक संकेत मिल सकते हैं।
इस बारे में जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर बढ़ाने की आशंका के चलते बिकवाली बढ़ी है। यह बिकवाली रुक सकती है, अगर फेड की मौजूदा और भविष्य की नीति बाजार की उम्मीदों के मुताबिक रहती है। हालांकि उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में इस बिकवाली के रुकने के कोई आसार नहीं है और घरेलू बाजार पर वैश्विक हलचल का असर देखने को मिलता रहेगा।
बता दें कि FPI की निकासी रूस और यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद ही आरंभ हुई। दरअसल, एफपीआई ने जनवरी में भारतीय बाजारों से 33,303 करोड़ रुपए और फरवरी में 35,592 करोड़ रुपए निकासी की थी। इस तरह एफपीआई अब 1,81,043 करोड़ रुपए भारतीय बाजार से निकाल चुके हैं। इस बिकवाली ने बाजार की कमर तोड़ दी है। बीएसई का सेंसेक्स और एनएसई का निफ्टी इस साल 8 फीसदी से अधिक गिर चुके हैं।
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