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Gold Purity Rules: 22 कैरेट हॉलमार्क सोने पर भी क्यों नहीं मिलती शुद्ध सोने की गारंटी, खरीदते समय ध्यान रखें ये चीजें

अगर आप सोना खरीदने जा रहे हैं, तो आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. ऐसा न करने से आप धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं.

Written By: Deepika Pandey
Last Updated: December 19, 2025 15:16:53 IST

Gold Purity Rules: सोने की कीमत बढ़ने के कारण आम लोगों की जेब पर भारी असर पड़ा है. वहीं लोगों को सलाह दी जाती है कि सोना खरीदते समय लोगों को कुछ चीजों का खास ख्याल रखना चाहिए. इनमें से एक है आभूषणों पर हॉलमार्क. हालांकि आपको जानकर हैरानी होगी कि ’22 कैरेट हॉलमार्क’ शुद्ध सोने की गारंटी इसलिए नहीं है क्योंकि यह 100 फीसदी शुद्ध सोना नहीं होता. 

बता दें कि 22 कैरेट सोने में शुद्ध सोने की गारंटी इसलिए नहीं है बल्कि यह सोने की एक निश्चित शुद्धता का मानक है. इसमें 91.6 फीसदी शुद्ध सोना (916) और बाकी 8.33 फीसदी तांबा या चांदी जैसी धातुएं होती हैं. ये आभूषण को मजबूती देते हैं. वहीं अगर सोने में हॉलमार्किंग के साथ BIS लोगो, हॉलमार्किंग सेंटर का ID और ज्वेलर कोड न हो, तो वो हॉलमार्क नकली हो सकता है. इसलिए खरीदार को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि वे सोना खरीदते समय ये सभी निशान अच्छे से जांच लें. 

क्यों 100 फीसदी शुद्ध नहीं होता सोना?

22 कैरेट सोने का मतलब होता है कि सोने के 24 हिस्सों में से 22 हिस्सा शुद्ध सोना है. बाकी 2 हिस्से अन्य धातुओं जैसे तांबा, चांदी, जिंक आदि होता है. मिश्रण के बिना मजबूत जेवर नहीं बन सकते. इसलिए सोने को मजबूत करने के लिए अन्य धातुओं को मिलाया जाता है. 

ज्वेलरी खरीदते समय ध्यान रखें ये चीजें

  • ज्वेलरी खरीदते समय धयान रखें कि ज्वेलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का त्रिकोणीय लोगो हो.
  • शुद्धता का निशान हो.
  • हॉलमार्किंग करने वाली लैब का पहचान कोड होना चाहिए.
  • ज्वेलरी बनाने वाले ज्वेलर का कोड होना चाहिए.

धोखाधड़ी से बचने के लिए लें पक्का बिल

वहीं कुछ ज्वेलर नकली स्टैंप का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसलिए केवल हॉलमार्क नहीं बल्कि BIS लोगो और अन्य कोड भी देखें. इससे आप धोखाधड़ी से बच सकते हैं. ज्वेलरी खरीदते समय पक्का बिल लें. इसमें वजन, कैरेट, हॉलमार्क नंबर लिखा होना चाहिए. 

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