Delhi RC Transfer New Rule: अगर आपने भी नई कार और मोटरसाइकिल खरीदी है या फिर लेने की योजना बना रहे हैं तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है. देश की राजधानी दिल्ली में अब वाहन खरीदने के 15 दिनों के भीतर RC ट्रांसफर कराना होगा. ऐसा नहीं करने वालों के के खिलाफ दिल्ली पुलिस कानूनी कार्रवाई करेगी. दिल्ली पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, ऐसा सुरक्षा के मद्देनजर किया गया है. 10 नवंबर, 2025 को दिल्ली में लाल किला के पास कार ब्लास्ट मामले में कई लोगों की जान चली गई थी. इसमें जिस कार के जरिये ब्लास्ट किया गया, उसके रजिस्ट्रेशन में कई तरह का खामी मिली थी.
15 दिन में अनिवार्य होगा RC ट्रांसफर कराना
बताया जा रहा है कि दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ गड़बड़ी रोकने के लिए राजधानी में पुरानी कार या मोटरसाइकिल खरीदने वाले लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) ट्रांसफर कराना अनिवार्य कर दिया गया है. शर्त यह है कि वाहन खरीदने के बाद 15 दिनों के भीतर ही अनिवार्य रूप से RC ट्रांसफर कराना होगा, वरना कानूनी कार्रवाई की जाएगी. जांच में सामने आया था कि धमाके में इस्तेमाल की गई कार पुरानी थी, लेकिन उसके दस्तावेज अभी भी पूर्व मालिक के नाम पर दर्ज थे. इससे पुलिस को असली इस्तेमालकर्ता तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.
पुराने वाहन डीलरों पर सख्ती
दिल्ली पुलिस की ओर से यह फैसला हाल ही में लालकिले के पास हुए कार धमाके की जांच के दौरान सामने आई खामियों के बाद लिया गया है. इसमें पुराने वाहन खरीदने-बेचने वाले डीलरों के लिए भी साफ-साफ निर्देश जारी किए गए हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में अधिकतर पुरानी गाड़ियों को डीलरों के जरिये बेचा-खरीदा जाता है. कई बार कार खरीदने वाला समय के अभाव में या फिर पैसा खर्च करने से बचने के लिए RC ट्रांसफर कराने में रुचि नहीं लेता है.
पहले कराना होता था 30 दिन में ट्रांसफर
नियमों के मुताबिक, वाहन बेचने के बाद पुराने मालिक की भी जिम्मेदारी होती है कि वह संबंधित आरटीओ को इसकी जानकारी दे. आम तौर पर यह प्रक्रिया 30 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए. इससे पहले ही बेचने वाले को यह कहना चाहिए कि खरीदने वाला RC ट्रांसफर कराए. वहीं, दिल्ली में कार ब्लास्ट के बाद अब इसे घटाकर 15 दिन कर दिया गया है.
कैसे कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन
वाहन की RC ट्रांसफर करने के लिए राजधानी दिल्ली में parivahan.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. यहां पर आपको ऑनलाइन ही फॉर्म 29 और 30 भरनो होगा. इस दौरान आपको जरूरी कागजात RC, बीमा, PUC, आधार कार्ड और NOC समेत मांगी गई अन्य जानकारियां अपलोड करें. 500 रुपये शुल्क के रूप में देना होगा. भरे फॉर्म और दस्तावेजों के साथ RTO में जमा करना होगा. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में कागजात का सत्यापन होगा. प्रावधान के मुताबिक, नई RC उपभोक्ता को स्पीड पोस्ट से मिल जाती है. इसमें आमतौर पर 2 सप्ताह लगते हैं.
ऑनलाइन प्रक्रिया (Parivahan वेबसाइट), जानें स्टेप
- parivahan.gov.in पर नया यूजर अकाउंट बनाकर लॉगिन करना होगा.
- Vehicle Related Services पर क्लिक करना होगा.
- वाहन का विवरण, नए मालिक का विवरण और आईडी/एड्रेस प्रूफ की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होगी.
- फॉर्म 29 और 30 भरना होगा.
- मूल RC, बीमा, PUC, आधार कार्ड, बैंक NOC की कॉपी अपलोड करनी होगी.
- ऑनलाइन माध्यम से शुल्क (लगभग ₹530) जमा करने होंगे.
- भुगतान के बाद फॉर्म 29, 30 और रसीद का प्रिंट निकाल लें.
RTO में जाकर क्या करना होगा
- भरे हुए फॉर्म 29, 30 के अलावा मूल RC, बीमा, PUC, आधार कार्ड, और NOC (अगर है) के साथ RTO जाएं.
- अधिकारी वाहन का निरीक्षण करेंगे और चेसिस नंबर का प्रिंट लेंगे.
- सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद, लगभग 2 सप्ताह में नई RC स्पीड पोस्ट से आपके पते पर आ जाएगी.
ज़रूरी दस्तावेज़
- मूल RC, बीमा और PUC की कॉपी.
- फॉर्म 29 (विक्रेता द्वारा भरा गया) और फॉर्म 30 (दोनों द्वारा भरा गया).
- बैंक NOC (यदि वाहन लोन पर है).
- ट्रैफिक डिपार्टमेंट से NOC (यदि लागू हो).
- विक्रेता और खरीदार के आधार कार्ड (पते के प्रमाण के साथ).
- पते का प्रमाण (जैसे वोटर आईडी, पासपोर्ट, बिजली बिल).