Income Tax December 15 Deadline: इस तिमाही के लिए एडवांस टैक्स फाइल करने की डेडलाइन 15 दिसंबर है. जिन लोगों की सैलरी के अलावा दूसरे सोर्स से इनकम होती है, जैसे कैपिटल गेन, इंटरेस्ट, डिविडेंड, या बिज़नेस इनकम, उन्हें साल के आखिर में अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का इंतज़ार किए बिना, पूरे साल इन इनकम पर टैक्स देना होता है. एडवांस टैक्स सरकार को समय पर टैक्स पेमेंट पक्का करता है और लोगों को एक बार में बड़ी रकम देने या इंटरेस्ट पेनल्टी लगने से बचाता है.
क्यों चुकाना है जरूरी?
टीडीएस और टीसीएस को कम करने के बाद गैर वेतन आय पर कुल 10,000 रुपये से देनदारी हो जाती है. इस पैसे को पुरे साल में चार किस्तों में चुकाया जाता है. यह देनदारी आय के स्त्रोत के आधार पर गिनी जाती है. यदि आपके पास व्यवसाय से किसी पेशे से इनकम आई है. तो वित्तीय वर्ष की शुरुआत में अनुमानित टैक्सेबल इनकम का आकलन करना जरुरी. इसी आधार पर एडवांस टैक्स चुकाना होगा. कैपिटल गेन और डिविडेंड इनकम के मामले में जब तक आय प्राप्त नहीं होती है, तब तक आपको किसी तरह का एडवांस टैक्स नहीं देना होता है. क्योंकि आय के मुताबिक है टैक्स का अनुमान लगाया जाता है.
किस्तों की समयसीमा
- पहली किस्तः 15 जून तक, 15%
- दूसरी किस्तः 15 सितंबर तक, 45%
- तीसरी किस्त: 15 दिसंबर तक 75%
- चौथी किस्त: 15 मार्च 2026 तक 100%
60 साल से अधिक आयु वालों को भी देना होगा टैक्स?
60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक जिनकी आय किसी पेशे से नहीं आती है, उसे एडवांस टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं है. हालांकि अगर किसी वरिष्ठ नागरिक की आय व्यवसाय से आती है. तो उन पर भी ये नियम लागू होते हैं.
किश्त न चुकाने पर लगेगा जुर्माना?
कोई किश्त समय पर जमा नहीं की जाती है, तो व्यक्ति को जुर्माने के तौर पर चुकी गई किस्त पर करीब 3 प्रतिशत ब्याज देना होगा. यानी मान लीजिए आपकों 2 लाख रुपये के एडवांस टैक्स पर 15 जून तक 30 हजार रुपये जमा करने होंगे. यदि आपने ऐसा नहीं किया है, तो कर विभाग बकाया राशि पर तीन महीने के लिए प्रति माह 1% ब्याज लगाएगा. जो कुल 3 प्रतिशत बनता है.