संबंधित खबरें
250 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वतखोरी के आरोपों को अडानी समूह ने बताया निराधार
WhatsApp नीति को लेकर भारत ने लगाया करोड़ो का जुर्माना, अब मेटा करेगा आदेश के खिलाफ अपील
गौतम अडानी का ट्रंप से बड़ा वादा, 10 बिलियन डॉलर का अमेरिका में करेंगे निवेश, नौकरियों के भी बनेंगे मौके
अलविदा Vistara, दिल्ली की रनवे को किया आखिरी सलाम, कर्मचारियों ने यूं दी अपने चहेते को विदाई, देखें Video
मालामाल हुई चंद्रयान-3 मिशन को सफल बनाने वाली कंपनी, तोड़ दिए कमाई के सारे रिकॉर्ड…मुनाफा जान उड़ जाएंगे होश
अडानी पावर लिमिटेड ने वित्त वर्ष-25 की दूसरी तिमाही में शुद्ध लाभ में वृद्धि की दर्ज
India News (इंडिया न्यूज़), Economy, दिल्ली: भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। तमाम प्रतिबंधों के बाद भी रूस यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जबकि दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। वही अमेरिका दूसरे नंबर पर पहुंच गया। यूएस को पीछे छोड़ते हुए चीन दुनिया की नंबर-1 इकोनॉमी बन चुका है। आंकड़ों की बात करें तो भारत नंबर तीन पर है। जापान चौथे नंबर पर तो जर्मनी छठे नंबर पर है।
दरअसल इकोनॉमी की यह परिभाषा परचेजिंग पावर पैरिटी के हिसाब से तय की गई है। इस हिसाब से टॉप-5 देशों में चीन नंबर-1 इकोनॉमी है। वहीं अमेरिका दूसरी, भारत तीसरी, जापान चौथी और रूस पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है।
वर्ल्ड ऑफ स्टैटिसटिक्स नाम की संस्था ने इकोनॉमी का यह डेटा तैयार किया है। इस हिसाब से भारत की इकोनॉमी का साइज 11.8 ट्रिलियन डॉलर है। चीन की इकोनॉमी 30.3 ट्रिलियन डॉलर और अमेरिका की 25.4 ट्रिलियन डॉलर की है। वही जापान की इकोनॉमी 5.7 ट्रिलियन डॉलर, रूस की 5.32 ट्रिलियन डॉलर, जर्मनी की 5.3 ट्रिलियन डॉलर, इंडोनेशिया की 4.03 ट्रिलियन डॉलर, ब्राजील की 3.83 ट्रिलियन डॉलर, फ्रांस की 3.77 ट्रिलियन डॉलर और ब्रिटेन की3.65 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी है।
Russia has become the fifth largest economy in the world and the largest in Europe in terms of purchasing power parity:
1. 🇨🇳 China: $30.3 trillion
2. 🇺🇸 USA: $25.4 trillion
3. 🇮🇳 India: $11.8 trillion
4. 🇯🇵 Japan: $5.7 trillion
5. 🇷🇺 Russia: $5.32 trillion
6. 🇩🇪 Germany: $5.3…— World of Statistics (@stats_feed) August 4, 2023
परचेजिंग पावर पैरिटी किसी देश की करेंसी की वैल्यू के साथ-साथ वहां रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति की भी जानकारी देती है। यह किसी देश की करेंसी की परचेजिंग पावर के बारे में बताती है, इसका अनुमान अनिवार्य वस्तुओं की एक बास्केट के हिसाब से होता है।इस बास्केट में अमूमन उन वस्तुओं को शामिल किया जाता है जो जीवन यापन के लिए अनिवार्य हैं और फिर करेंसी की वैल्यू के हिसाब से देखा जाता है कि किस देश की करेंसी से इस बास्केट का कितना सामान खरीदा जा सकता है।
यह भी पढ़े-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.