क्या बताया मंत्रालय ने?
फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज़ की ग्रोथ रेट क्या रही?
मैन्युफैक्चरिंग, जिसमें सेकेंडरी सेक्टर भी शामिल है, 9.1 परसेंट और कंस्ट्रक्शन 7.2 परसेंट बढ़ा. टर्शियरी सेक्टर में, फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज़ 10.2 परसेंट बढ़ीं. सरकारी डेटा के मुताबिक, एग्रीकल्चर और उससे जुड़े सेक्टर 3.5 परसेंट बढ़े। वहीं, इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वॉटर सप्लाई और दूसरी यूटिलिटी सर्विसेज़ सेक्टर 4.4 परसेंट बढ़े.
PFCE कितना बढ़ा?
FY26 की दूसरी तिमाही में प्राइवेट फ़ाइनल कंज़म्प्शन एक्सपेंडिचर (PFCE) 7.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि पिछले फ़ाइनेंशियल ईयर में इसी समय में 6.4 प्रतिशत की ग्रोथ हुई थी. मौजूदा फ़ाइनेंशियल ईयर की सितंबर तिमाही में गवर्नमेंट फ़ाइनल कंज़म्प्शन एक्सपेंडिचर (GFCE) 2.7 प्रतिशत कम हुआ, जबकि पिछले फ़ाइनेंशियल ईयर की इसी अवधि में 4.3 प्रतिशत की ग्रोथ हुई थी.
सरकार ने बताया कि FY26 की दूसरी तिमाही में एक्सपोर्ट 5.6 प्रतिशत बढ़ा, जबकि पिछले फ़ाइनेंशियल ईयर की इसी अवधि में 3 प्रतिशत की ग्रोथ हुई थी. मौजूदा फ़ाइनेंशियल ईयर की जुलाई-सितंबर अवधि में इम्पोर्ट 12.8 प्रतिशत बढ़ा, जबकि पिछले फ़ाइनेंशियल ईयर की इसी अवधि में 1 प्रतिशत की ग्रोथ हुई थी.