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अब नहीं होगी ट्रेन में ठसाठस भीड़! रेलवे ने वेटिंग टिकट को लेकर किया बड़ा बदलाव, जानें क्या है नया नियम?

Railway Waiting List Limit: वेटिंग टिकट को लेकर रेलवे ने बड़ा बदलाव किया है, अगर आपकी टिकट भी वेटिंग है तो यह खबर आपके मतलब की है. आइए विस्तार से जानें पूरी जानकारी.

Written By: shristi S
Last Updated: November 3, 2025 11:06:07 IST

Indian Railways Waiting List New Rule: अगर आप ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों में शामिल हैं, तो भारतीय रेलवे का यह नया नियम आपके लिए बेहद जरूरी है. रेलवे ने हाल ही में वेटिंग लिस्ट टिकट को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है, जो सीधे तौर पर टिकट बुकिंग और यात्रा के अनुभव को प्रभावित करेगा. अब किसी भी ट्रेन की कुल सीटों का केवल 25% हिस्सा ही वेटिंग लिस्ट के रूप में जारी किया जाएगा. यानी अब अनिश्चित टिकट की परेशानी कम होगी और कन्फर्म टिकट पाने की संभावना बढ़ेगी.

क्या है नया नियम?

रेलवे बोर्ड के नए सर्कुलर के अनुसार, अब किसी भी ट्रेन की सभी कैटेगरी AC फर्स्ट, AC टू, AC थ्री, स्लीपर और चेयर कार में कुल सीटों का अधिकतम 25% ही वेटिंग टिकट के रूप में जारी किया जा सकेगा. इस गणना में विकलांग कोटा या अन्य आरक्षित श्रेणियों की सीटें शामिल नहीं की जाएंगी. रेलवे का उद्देश्य है कि यात्रियों को अनकन्फर्म टिकट की अनिश्चितता से बचाया जा सके, क्योंकि अधिक वेटिंग टिकट जारी होने के कारण यात्रियों को अक्सर आखिरी वक्त तक कन्फर्मेशन का इंतजार करना पड़ता था.

पहले क्या था नियम?

जनवरी 2013 के पुराने नियम के तहत, रेलवे AC1 में 30, AC2 में 100, AC3 में 300 और स्लीपर क्लास में 400 वेटिंग टिकट तक जारी करता था. इसके कारण कई बार वेटिंग लिस्ट बहुत लंबी हो जाती थी और बड़ी संख्या में यात्री रिजर्व कोचों में बिना कन्फर्म टिकट चढ़ जाते थे, जिससे भीड़ और अव्यवस्था बढ़ जाती थी. अब प्रत्येक जोनल रेलवे अपने-अपने क्षेत्र में बुकिंग और कैंसिलेशन के पैटर्न के आधार पर वेटिंग टिकट की सीमा तय करेगा.

 कैसे तय होगी सीटों की गणना?

‘उपलब्ध बर्थ’ का मतलब उन सीटों से है जो सभी आरक्षित कोटे (जैसे वरिष्ठ नागरिक, महिला, विदेशी पर्यटक, दिव्यांग आदि) के आवंटन के बाद बचती हैं. उदाहरण के लिए, यदि किसी ट्रेन में कोटे के बाद 400 सीटें सामान्य बुकिंग के लिए बचती हैं, तो वेटिंग टिकट की अधिकतम सीमा 100 सीटें (25%) होगी.

 कब लागू होगा नया नियम?

पश्चिम रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, इस बदलाव को लागू करने के लिए CRIS (Centre for Railway Information Systems) रेलवे के टिकटिंग सॉफ्टवेयर में संशोधन कर रहा है. जल्द ही इस नियम को देशभर में लागू करने की तारीख की घोषणा की जाएगी.

क्यों जरूरी है यह बदलाव?

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला यात्रियों को बेहतर अनुभव देने और अनावश्यक भीड़ कम करने के लिए लिया गया है. खासतौर पर त्योहारों जैसे दिवाली और छठ के मौसम में जब ट्रेनों में भारी भीड़ होती है, तब यह नियम यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगा.

यात्रियों को क्या मिलेगा फायदा?

  • अब कन्फर्म टिकट मिलने की संभावना बढ़ेगी.
  • ट्रेन में बिना रिजर्वेशन यात्रा करने वालों की संख्या घटेगी.
  • यात्रा से पहले टिकट की स्थिति स्पष्ट रहेगी.
  • भीड़ और अव्यवस्था में कमी आएगी.

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