Low AQI Cities: दिल्ली और मुंबई में AQI लेवल हाल-ही में काफी खराब हो गया है, जिससे सांस लेने की स्थिति गंभीर हो गई है. राजधानी दिल्ली में AQI लगातार खतरनाक और बहुत खराब श्रेणियों में दर्ज हो रहा है. कई इलाकों में AQI 350–450 से ऊपर पहुंच रहा है जिससे घना स्मॉग फैला हुआ है और उड़ानों व रोज़मर्रा के कामों में बाधा आ रही है, जबकि मुंबई में भी प्रदूषण बढ़कर AQI काफी बढ़ा हुआ है, जिससे वहां के निवासियों के लिए भी स्वास्थ्य जोखिम बढ़ रहा है. दोनों शहरों में सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा उपाय लागू किए जा रहे हैं ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके.
भारत के ऐसे 5 शहर हैं जहाँ AQI Level 50 से भी कम है
भारत में AQI बहुत कम (Good श्रेणी) वाले कुछ अच्छे शहर भी है. इन शहरों में AQI आमतौर पर 50 से नीचे रहता है, जो Good श्रेणी माना जाता है. इसकी वजह कम औद्योगिक प्रदूषण, ज्यादा हरियाली और बेहतर भौगोलिक परिस्थितियाँ हैं. इन शहरों के औसत AQI लेवल इस प्रकार हैं:
- आइजोल (मिजोरम) – AQI लगभग 25–35
- गंगटोक (सिक्किम) – AQI करीब 30–40
- मडिकेरी (कर्नाटक) – AQI लगभग 40–45
- तिरुनेलवेली (तमिलनाडु) – AQI करीब 30–35
- शिमला (हिमाचल प्रदेश) – AQI लगभग 35–45.
100 से कम AQI वाले शहर निवेशकों की पहली पसंद
AQI 100 से कम मतलह Good या Satisfactory हवा वाले शहरों में प्रॉपर्टी में निवेश कई वजहों से फायदेमंद साबित हो सकता है. साफ हवा सीधे तौर पर बेहतर स्वास्थ्य और जीवन-स्तर से जुड़ी होती है, इसलिए परिवार, रिटायर्ड लोग और रिमोट-वर्क करने वाले प्रोफेशनल ऐसे शहरों को प्राथमिकता देते हैं, जिससे रिहायशी डिमांड स्थिर रहती है.
कम प्रदूषण वाले इलाकों में हेल्थ-कॉस्ट कम होती है और रहने की गुणवत्ता बेहतर होने से लंबी अवधि में प्रॉपर्टी वैल्यू बढ़ने की संभावना बनी रहती है. इसके अलावा, साफ-हवा वाले शहर अक्सर पर्यटन, वेलनेस और ग्रीन-लिविंग प्रोजेक्ट्स के लिए आकर्षक होते हैं, जिससे रेंटल इनकम (हॉलिडे होम, सर्विस अपार्टमेंट) के मौके बढ़ते हैं.
बढ़ता AQI संकट बड़े शहरों से लोगों को बाहर की ओर शिफ्ट होने के लिए प्रेरित कर रहा है, ऐसे में AQI 100 से कम वाले शहरों में आज किया गया निवेश भविष्य में सुरक्षित और रिटर्न-ओरिएंटेड साबित हो सकता है.