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Post Office Saving Scheme for Senior Citizen: रिटायरमेंट के बाद स्थिर और सुरक्षित आमदनी की तलाश हर व्यक्ति की सबसे बड़ी जरूरत बन जाती है। ऐसे में अगर आप भी चाहते हैं कि नौकरी खत्म होने के बाद भी हर महीने आपकी जेब में तय रकम आती रहे, तो पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (Senior Citizen Savings Scheme – SCSS) आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है। यह योजना न केवल सरकारी गारंटी के साथ आती है, बल्कि मौजूदा समय में इस पर आकर्षक ब्याज दर भी दी जा रही है.
क्या है सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (SCSS)?
यह योजना खास तौर पर रिटायर्ड लोगों या वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनाई गई है ताकि उन्हें नियमित ब्याज के रूप में स्थिर आय मिलती रहे. इस स्कीम में निवेशक एकमुश्त राशि जमा करते हैं और हर तीन महीने पर ब्याज सीधे उनके पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है. सरकार की ओर से जारी ताजा ब्याज दरों के अनुसार, अक्टूबर से दिसंबर 2025 (Q3 FY26) की तिमाही में भी SCSS पर ब्याज दर 8.2% सालाना ही रहेगी. यह दर अन्य सभी सरकारी बचत योजनाओं की तुलना में सबसे अधिक है.
ब्याज दर और इनकम का हिसाब
अगर कोई निवेशक इस स्कीम में 30 लाख रुपये जमा करता है, तो उसे सालभर में 2,46,000 रुपये तक ब्याज मिलेगा. हर तीन महीने पर उसे 61,500 रुपये मिलेंगे यानी औसतन हर महीने लगभग 20,500 रुपये की निश्चित आय. इस स्कीम की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें ब्याज तिमाही आधार पर मिलता है और यह पूरी तरह बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षित रहता है.
निवेश की सीमा और अवधि
- न्यूनतम निवेश: ₹1,000
- अधिकतम निवेश: ₹30 लाख
- अवधि: 5 साल (इसे आगे 3-3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है)
यह योजना न केवल सुरक्षित है बल्कि दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता देने के लिए बेहद उपयोगी है.
कौन खोल सकता है यह खाता?
- 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति इस स्कीम में खाता खोल सकते हैं.
- 55 से 60 वर्ष के वे व्यक्ति जिन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ली है, वे भी पात्र हैं.
- 50 से 60 वर्ष के रक्षा मंत्रालय से रिटायर कर्मचारी भी इस योजना में निवेश कर सकते हैं.
टैक्स बेनिफिट और अतिरिक्त फायदे
इस योजना में निवेश करने पर धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट मिलती है. साथ ही, ब्याज की राशि पर टैक्स लागू होता है, लेकिन यह हर तिमाही स्थिर इनकम का भरोसा देती है, जो रिटायर्ड लोगों के लिए मानसिक और आर्थिक दोनों रूप से सुकून देने वाला विकल्प है.