Prada Sandal: इटली की लग्जरी फैशन की बड़ी कंपनी प्राडा भारत की पारंपरिक कोल्हापुरी चप्पलों से प्रेरित एक लिमिटेड-एडिशन सैंडल कलेक्शन लॉन्च कर रही है. लगभग 84,000 की कीमत वाले ये सैंडल फरवरी 2026 में लॉन्च किए जाएंगे. यह कलेक्शन दुनिया भर में लगभग 40 प्राडा स्टोर और ऑनलाइन उपलब्ध होगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्राडा भारत के महाराष्ट्र और कर्नाटक इलाकों में लगभग 2,000 जोड़ी सैंडल बनाएगी.
दो सरकारी संगठनों के साथ मिलकर होगा काम
यह काम दो सरकारी संगठनों, LIDCOM (महाराष्ट्र) और LIDCAR (कर्नाटक) के साथ मिलकर किया जाएगा, जो भारत के पारंपरिक लेदर क्राफ्ट को बढ़ावा देते हैं. इस पहल के तहत, प्राडा ग्रुप, LIDCOM और LIDCAR लोकल ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाएंगे, जिससे कारीगर पारंपरिक तकनीकों के साथ-साथ मॉडर्न स्किल भी सीख सकेंगे.
यह विवाद छह महीने पहले शुरू हुआ था
छह महीने पहले, प्राडा ने मिलान फैशन शो में पारंपरिक कोल्हापुरी चप्पलों से प्रेरित सैंडल पेश किए थे. तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिससे भारत में बहुत हंगामा हुआ. भारतीय कारीगरों और नेताओं ने इस पर सांस्कृतिक विरासत की नकल करने और बेचने का आरोप लगाया. जैसे-जैसे विरोध बढ़ता गया, प्राडा को पीछे हटना पड़ा और कंपनी ने माना कि डिजाइन भारतीय कोल्हापुरी चप्पलों से प्रेरित था. अब, प्राडा ने भारतीय संगठनों के साथ आधिकारिक तौर पर एक एग्रीमेंट साइन किया है. इस सहयोग में तीन साल का ट्रेनिंग प्रोग्राम शामिल होगा. भारत में ट्रेनिंग के साथ-साथ, कुछ कारीगरों को इटली में प्राडा की एकेडमी में सीखने का मौका भी मिलेगा.
पीयूष गोयल ने क्या कहा?
पीयूष गोयल ने 11 दिसंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोल्हापुरी चप्पलों के लिए प्राडा के साथ पार्टनरशिप की तारीफ़ की. उन्होंने कहा कि कोल्हापुरी चप्पल का डिजाइन इतना शानदार है कि इससे एक अरब अमेरिकी डॉलर का एक्सपोर्ट हो सकता है. उन्होंने इन हाथ से बुनी चप्पलों के बारीक डिजाइन की भी तारीफ की.