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नौकरी बदलते वक्त PF Transfer क्यों ज़रूरी है? आसान भाषा में समझें पूरी प्रक्रिया

Provident Fund Transfer: PF ट्रांसफर करना काफी लोगों को झंझट भरा काम लगता है, लेकिन थोड़ी सी जानकारी और सावधानी से आप अपना फंड सुरक्षित रख सकते हैं. आइए जानें आसान तरीका.

Written By: shristi S
Last Updated: October 22, 2025 15:12:21 IST

PF Online Transfer Process: नौकरी बदलना ज़्यादातर लोगों के लिए एक उत्साह भरा अनुभव होता है.  नया माहौल, नई टीम, नई ज़िम्मेदारियां और अक्सर बेहतर सैलरी. लेकिन इस बदलाव के बीच एक अहम चीज़ होती है, जिसे कई कर्मचारी नज़रअंदाज़ कर देते हैं अपना प्रॉविडेंट फंड (PF) पुराने नियोक्ता से नए नियोक्ता में ट्रांसफर करना. ये सिर्फ़ एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि आपकी रिटायरमेंट प्लानिंग का अहम हिस्सा है। आइए इसे चरणबद्ध तरीके से समझते हैं. 

PF ट्रांसफर क्यों ज़रूरी है?

जब भी आप नई नौकरी ज्वाइन करते हैं, आपका वही UAN (Universal Account Number) काम में आता है, लेकिन एक नया PF खाता बन जाता है. अगर आप पुराने खाते का पैसा नए खाते में ट्रांसफर नहीं करते, तो पुराना खाता निष्क्रिय पड़ा रह जाता है. 3 साल तक पैसा ऐसे ही पड़ा रहने पर उस पर ब्याज मिलना बंद हो सकता है. बाद में रिटायरमेंट के समय पूरा बैलेंस ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है. ट्रांसफर से आपका सारा पैसा एक ही खाते में इकट्ठा होकर लगातार ब्याज कमाता रहता है. यानी कि ट्रांसफर करने से आपका रिटायरमेंट फंड सुरक्षित और बढ़ता रहता है.

PF ट्रांसफर ऑनलाइन कैसे करें?

आज के समय में पीएफ ट्रांसफर की प्रक्रिया बेहद आसान हो चुकी है. अब आपको दफ्तरों के चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं है, बस कुछ मिनटों में यह काम घर बैठे हो सकता है.

ऑनलाइन ट्रांसफर की स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया:

1. EPFO की मेंबर ई-सेवा पोर्टल पर लॉगिन करें.

2. “Online Services” टैब में जाकर “Transfer Request” चुनें.

3. आपसे पूछा जाएगा कि दावा पुराने नियोक्ता या नए नियोक्ता में से किसके द्वारा सत्यापित कराया जाए.

4. चयन के बाद आपका अनुरोध संबंधित नियोक्ता के पास जाएगा.

5. सत्यापन पूरा होते ही कुछ हफ़्तों में राशि ट्रांसफर हो जाएगी.

6. प्रक्रिया पूरी होने पर आपको एसएमएस भी मिल जाएगा.

आवेदन करने से पहले ज़रूरी दस्तावेज़

ट्रांसफर प्रक्रिया में कोई परेशानी न हो, इसके लिए कुछ ज़रूरी चीज़ें पहले से तैयार रखें:

  • KYC अपडेट हो — आपका आधार, पैन और बैंक खाता EPFO पोर्टल पर लिंक होना चाहिए.
  • पुराने PF अकाउंट की डिटेल्स — ये पेस्लिप या पोर्टल के “Service History” में मिल जाएगी.
  • सक्रिय UAN नंबर — यही नंबर पुराने और नए दोनों PF खातों को जोड़ने में काम आता है.

ट्रांसफर में आमतौर पर आने वाली दिक्कतें

कई बार छोटी सी गलती पूरी प्रक्रिया रोक देती है. उदाहरण के लिए:

  • नाम में स्पेलिंग मिस्टेक
  • जन्मतिथि का बेमेल
  • पुराना बैंक खाता बंद होना
  • नियोक्ता द्वारा डिटेल्स अपडेट न किया जाना

ऐसी स्थिति में आपको पहले डिटेल्स सही करवानी होती है और फिर ट्रांसफर प्रक्रिया दोबारा शुरू करनी पड़ती है.

PF  निकालने के बजाय ट्रांसफर करना क्यों बेहतर है?

  • नौकरी छोड़ते ही कई लोग अपना पीएफ निकालने का सोचते हैं, लेकिन यह लंबे समय में सही फैसला नहीं होता.
  • PF पर मिलने वाला ब्याज चक्रवृद्धि ब्याज (compound interest) होता है.
  • इसे निकालने से यह चक्र टूट जाता है और आपकी बचत घट जाती है.
  • ट्रांसफर करने पर पैसा टैक्स-फ्री बढ़ता रहता है और रिटायरमेंट पर बड़ा फंड बनता है.
  • अगर आप दो महीने या उससे ज़्यादा बेरोज़गार नहीं हैं, तो PF निकालने की बजाय ट्रांसफर कर देना ही समझदारी है.

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