Bank Merger: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने चार कोऑपरेटिव बैंकों का साइज़ कम कर दिया है. RBI ने गुजरात के चार बड़े कोऑपरेटिव बैंकों के मर्जर को आखिरी मंज़ूरी दे दी है. यह मर्जर आज, 15 दिसंबर, 2025 से लागू होगा. इस फैसले के बाद, चारों बैंक अब दो मज़बूत बैंकों के तौर पर काम करेंगे. यह मर्जर बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 के नियमों के तहत किया गया था, और इसका मकसद गुजरात में कोऑपरेटिव बैंकिंग सेक्टर को नई दिशा और ताकत देना है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक ऑफिशियल बयान के मुताबिक, यह मर्जर संबंधित बैंकों की आपसी सहमति से वॉलंटरी बेसिस पर किया गया था.
दो स्कीम के तहत मर्जर
पहली बड़ी मर्जर स्कीम के तहत, द आमोद नागरिक कोऑपरेटिव बैंक का अहमदाबाद में मौजूद द भुज मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक के साथ मर्जर हो गया है. यह मर्जर आज से लागू हो गया. आज से, द आमोद नागरिक कोऑपरेटिव बैंक की सभी मौजूदा ब्रांच अब द भुज मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक की ब्रांच के तौर पर काम करेंगी. यह मर्जर बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के सेक्शन 44A के तहत पूरा हुआ, जो दो बैंकों के बीच वॉलंटरी मर्जर प्रोसेस को आसान बनाता है.
दूसरे बड़े मर्जर में, अमरनाथ कोऑपरेटिव बैंक का कालूपुर कमर्शियल कोऑपरेटिव बैंक के साथ मर्जर हुआ. मर्जर लागू होने के बाद, अमरनाथ कोऑपरेटिव बैंक की सभी ब्रांच अब कालूपुर कमर्शियल कोऑपरेटिव बैंक की ब्रांच के तौर पर काम करेंगी.
कस्टमर्स के डिपॉजिट का क्या होगा?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से मर्जर को मंजूरी मिलने के बाद, कस्टमर्स के मन में पहला सवाल यह है कि क्या उनके डिपॉजिट सुरक्षित हैं. इस बारे में, RBI ने कस्टमर्स को बड़ी राहत दी है. RBI ने साफ किया है कि इस मर्जर का बैंकों के मौजूदा कस्टमर्स पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा. उनके लिए बैंकिंग सर्विस पहले की तरह जारी रहेंगी.