SEBI chairman apartment: हाल ही में सेबी के चेयरमैन बने तुहीन कांत पांडेय को मुंबई के प्रभादेवी में एक शानदार और महंगा किराए का अपार्टमेंट दिया गया है. यह अपार्टमेंट 3,000 स्क्वायर फीट का है, इसमें पांच बड़े कमरे हैं और चार कारों की पार्किंग है. यह रुस्तमजी क्राउन बिल्डिंग की 51वीं मंजिल पर है, जहाँ से अरब सागर का नज़ारा दिखता है. इसका मासिक किराया 7 लाख रुपये है, जबकि सेबी चेयरमैन की बेसिक सैलरी 2.25 लाख रुपये है। इसका मतलब है कि उनका किराया उनकी सैलरी का लगभग तीन गुना है.
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सेबी की क्या पॉलिसी है?
सेबी ने कहा कि उसके सभी सीनियर अधिकारी, जिनमें चेयरमैन, सदस्य और डायरेक्टर शामिल हैं, को उनके पद के हिसाब से किराए का मकान दिया जाता है. किराया बोर्ड की सख्त पॉलिसी के अनुसार तय होता है और यह प्रॉपर्टी एक्सपर्ट की रिपोर्ट पर आधारित होता है. इसलिए, 7 लाख रुपये किराया सेबी ने मंज़ूर कर लिया. अपार्टमेंट का साइज़ और किराया दोनों तय लिमिट के अंदर हैं. सेबी ने 42 लाख रुपये का सिक्योरिटी डिपॉजिट भी जमा किया है और किराया हर साल 5% बढ़ेगा.
सेबी चेयरमैन की सैलरी क्या है?
तुहीन कांत पांडेय को सेबी चेयरमैन नियुक्त करते समय उन्हें सैलरी के दो ऑप्शन दिए गए थे. पहला ऑप्शन भारत सरकार के सेक्रेटरी के बराबर सैलरी थी, यानी लगभग 2.25 लाख रुपये बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ता और अन्य भत्ते. दूसरा ऑप्शन लगभग 5.62 लाख रुपये की सैलरी थी, लेकिन इसमें रहने और गाड़ी का खर्च शामिल नहीं था. पांडेय ने पहला ऑप्शन चुना, इसलिए सेबी ने उन्हें किराए का मकान दिया। यह मकान सेबी ने सिर्फ़ सरकारी काम के लिए और बोर्ड की पॉलिसी के अनुसार दिया है.
सेबी ने क्या कहा?
सेबी ने कहा कि मुंबई जैसे बड़े शहर में, खासकर पॉश इलाके में, सीनियर अधिकारियों को अपने काम पर ध्यान देने के लिए सही रहने की जगह की ज़रूरत होती है. इसलिए, बोर्ड ने ऐसा अपार्टमेंट चुना जो नियमों के अनुसार हो और उनके प्रोफेशनल काम को बेहतर ढंग से करने के लिए सही माहौल दे. यह ध्यान देने लायक है कि मुंबई में, खासकर साउथ मुंबई में, रियल एस्टेट बहुत महंगी है.