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Issue Of Making Chandigarh An Assembly : चंडीगढ़ नगर निगम की विशेष बैठक रही हंगामेदार

Harpreet Singh • LAST UPDATED : April 7, 2022, 9:42 pm IST
  • चंडीगढ़ को यूटी का दर्जा व अलग विधानसभा का प्रस्ताव पास
  • भाजपा व आप पार्षदो में हुई नोकझौक व नारेबाजी
  • कांग्रेस और आप ने किया पानी को लेकर वॉकआउट
  • आम आदमी पार्टी ने हगामा कर पानी के मसले पर विरोध जताया

रमेश गोयत, चंडीगढ़।
Issue Of Making Chandigarh An Assembly : चंडीगढ़ को लेकर नगर निगम चंडीगढ़ ने गुरूवार को सदन की एक विशेष बैठक बुलाई। जिसमें चंडीगढ़ को पूर्ण केंद्रीय शासित प्रदेश को लेकर हंगामेदार चर्चा हुई। आप और भाजपा पार्षदो को बीच इस मामलें को लेकर काफी नोकझोक भी हुई।

आप के पार्षदो ने एजैंडे की कापी लेकर मेयर के पास पहुंचकर हंगामा किया। भाजपा पार्षदो ने भी बीच में पहुंचकर आप के खिलाफ नारेबाजी की। चंडीगढ़ नगर निगम सदन की विशेष बैठक में भारी हंगामे के बाद आप और कांग्रेस पार्षद वाकआउट कर गए। इसके बाद सदन में मौजूद भाजपा पार्षदों ने चंडीगढ़ को केंद्र शाषित प्रदेश बनाए रखने, पंजाब हरियाणा के लिए स्वतंत्र राजधानी बनाने का प्रस्ताव पास कर दिया। चंडीगढ़ में विधानसभा का प्रस्ताव भी पास किया।

पार्षद हरजीत कौर बबला ने सदन में चंडीगढ़ को लेकर लाए गए प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि हम चंडीगढ़ के निवासी है, हमारा फर्ज, घर्म और कर्म बनता है कि हम सब चंडीगढ़ के साथ खड़े हो। हमारी चंडीगढ़ में रहते तीन पीढी आ चुकी है। पंजाब के सीएम भगवंत मान चंडीगढ़ की मांग कर रहे है। चंडीगढ़, चंडीगढ़ियो का रहेगा। हते चंडीगढ़ को गैगस्टर व नशेड़ियो का अडडा नही बनाना है। यह हमारें बच्चो के भविष्य की लड़ाई है।

चंडीगढ़ में हरियाणा पंजाब डेपुटेशन पर 60 प्रतिशत व 40 प्रतिशत की रेसो में अपने कर्मचारियों भेजता है। हमारा अपना कोई काडर नही है। हमारें बच्चे नौकरियो के लिए बाहर जाना पड़ रहा है। चंडीगढ़ को राजनिति का अखाड़ा नही बनने देगें। चंडीगढ़ को किसी कका भी हिस्सा नही बनने देगें।

आप ने जताया विरोध Issue Of Making Chandigarh An Assembly

चंडीगढ़ को पूर्ण केंद्र शासित प्रदेश, विधानसभा बनाने और पंजाब-हरियाणा को नई राजधानी देने का प्रस्ताव को लेकर आम आदमी पार्टी ने हगामा कर विरोध जताया। आप पार्षद प्रेमलता ने कहा कि इस मुद्दे पर पंजाब के सीएम भगवंत मान का नाम लेना गलत है। प्रेमलता ने विरोध जताते हुए कहा कि यह राजनितिक एजेंडा है। चंडीगढ़ से किसी का कोई लेना देना नही। इसी बीच सदन में पोस्टर वार शुरू हो गया है। भाजपा और आप दोनों एक दूसरे के खिलाफ पोस्टर लेकर आए हैं। भाजपा एजेंडे पर बात करना चाहती थी, वहीं आप पार्टी पानी के बढ़े दामों पर मेयर से बयान देने पर अड़ी रही। बहस के दौरान भाजपा पार्षद जसमनप्रीत व आप पार्षद बादल आपसे में भिड़ गए। दोनों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई।

आप पार्षद प्रेमलता ने कहा कि चंडीगढू मामले बारे पोस्टर में भाजपा ने पंजाब के सीएम के बारे में लिखा है, हरियाणा के सीएम का नाम क्यो नही है, यह सब राजनिति हो रही है। चंडीगढ़ को लेकर हरियाणा और पंजाब में लड़ाई करवाना चाहाते है। हरियाणा के सीएम का नाम भी खिलना चाहिए। जिसको लेकर आप के सभी पार्षदो ने इसको लेकर काफी हंगामा किया। आप पार्षद प्रेमलता ने सीनियर डिप्टी मेयर दलीप शर्मा को पैन देते हुए हरियाणा के सीएम का नाम खिलने को भी कहा।

कांग्रेस भी सदन से पहले महंगाई के विरोध में नगर निगम के बाहर धरने पर बैठी थी। बाद में कांग्रेस पार्षद सदन में आ गए। सदन में आप ने कहा कि विकास के मुद्दों पर प्रशासन का रोड़ा होता है, लेकिन राजनीति मुद्दों के लिए एजेंडा ले आते हैं। इस पर भाजपा ने कहा कि ये 13 लाख लोगों की इच्छा है, राजनीतिक मुद्दा नहीं है।

भाजपा का कहना है कि केंद्रीय सेवा नियम पर भी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ओछी राजनीति कर रहे हैं और झूठ बोल रहे हैं, क्योंकि वर्ष 1990 से पहले चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियम लागू थे।

सीनियर डिप्टी मेयर दलीप शर्मा का कहना था कि चंडीगढ़ पर सिर्फ चंडीगढ़ वासियों का हक है। उन्होंने पंजाब और हरियाणा विधानसभा में पारित प्रस्ताव की भी निंदा की। चंडीगढ़ के कर्मचारियों को केंद्रीय सेवा नियम से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद प्रस्ताव लाया गया।

केंद्रीय सेवा नियम पर भी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ओछी राजनीति कर रहे हैं और झूठ बोल रहे हैं, क्योंकि वर्ष 1990 से पहले चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियम लागू थे। भाजपा पार्षदों का कहना था कि चंडीगढ़ में डेपुटेशन समाप्त होना चाहिए और चंडीगढ़ के लोगों को मौका मिलना चाहिए। चंडीगढ़ का भी अपना कैडर होना चाहिए, क्योंकि डेपुटेशन एक अस्थाई व्यवस्था थी।

अब शहर में तीन पीढ़ियां हो चुकी हैं, इसलिए बदलाव का समय आ गया। चंडीगढ़ हरियाणा और न ही पंजाब को न देकर अलग से एक प्रदेश बनाया जाए। दोनों प्रदेशों की अलग-अलग राजधानी बनाई जाए।
पार्षद योगेश ढीगडा ने सदन में बोलतें हुए कहा कि यह मसला कानून नगर निगम के अनीध नही आता है कि यह मसला प्रशासन व केन्द्र सरकार के अधीन है। प्रशासन ने इस मसले पर बात करनी चाहिए। नगर निगम जनता को सुविधाए देनें के लिए बनाया गया था। पानी के बढे रेट पर बातचीत करनी चाहिए।

पार्षद गुरमीत सिंह ने भी बोलते हुए कहा कि चंडीगढ़ को फूटबाल नही बनाना चाहिए। जनता शहर नौकरियों व पानी के बढे रेट बारे पूछ रही है। कांग्रेस पार्षद गुरबक्स रावत ने कहा कि चंडीगढ़ की अपनी विधान सभा होनी चहिए। इसके लिए जनता के बीच जाकर राय लेनी जरूरी है। चंडीगढ़ के भाग्य का फैसला चंडीगढ़ के लोग ही करेगें। शहर के विकास की बात होनी चाहिए। अधिकारी जनता का हक मार रहे है। पुलिस वीआइपी लोगों की सुरक्षा में लगी है। आम नागरिक की कोई सुनवाई नही है। अधिकारी हमारे कर्मचारियो का शौषण कर रहे है। Issue Of Making Chandigarh An Assembly

पार्षद कनवरजीत सिंह ने बोलते हुए कहा कि हरियाणा व पंजाब के नेता व अधिकारियों से चंडीगढ़ की जनता परेशान है। दोनो प्रदेश चंडीगढ़ की कोई भी आर्थिक मदद नही करते है। चंडीगढ़ चंडीगढ़ का रहेगा। हरियाणा व पंजाब के अधिकारी अपने अपने प्रदेश के बच्चें भर्ती कर रहे है। हमारे बच्चो बेरोजगार हो रहे है। डडडू माजरा का पहाड़ पवन बसंल की देन है।

अकाली दल के पार्षद हरदीप सिंह ने बोलते हुए कहा कि चंडीगढ़ पंजाब के गांव उजाड़कर बनाया गया था। हम गाव से आते है मुझो बोलने का मौका नही दिया जा रहा है। जिसको लेकर पार्षद हरदीप सिंह ने सदन से वाकआउट कर लिया।

हरियाणा, पंजाब कर रहा चंडीगढ़ का शोषण Issue Of Making Chandigarh An Assembly

नगर निगम की नगर निगम की स्पेशल बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि चंडीगढ़ ना हरियाणा का हिस्सा है और ना ही पंजाब का हिस्सा है क्योंकि हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ का शोषण कर रहा है। जब हरियाणा पंजाब का बजट बनता है तो उसमें चंडीगढ़ की डेवलपमेंट के लिए 1 रुपया भी उस बजट में चंडीगढ़ को नहीं देते तो इनका हिस्सा किस लिए चंडीगढ़ को एक केक की तरह काट रहे हैं। हरियाणा पंजाब डेपुटेशन पर 60 प्रतिशतव 40 प्रतिशत की रेसो में अपने कर्मचारियों भेजता है।

चंडीगढ़ में डेवलपमेंट होनी चाहिए उसका पैसा सेंटर सरकार से आता है। हरियाणा और पंजाब दोनों चंडीगढ़ में मूलभूत सुविधाएं ले रहे हैं। लेकिन इसके लिए आज तक इन्होंने एक भी पैसा अपने बजट में नहीं रखा। चंडीगढ़ में चंडीगढ़ के विद्यार्थी नौकरियों के लिए भी जब हरियाणा पंजाब में जाते हैं तो उनसे डोमिसाइल मांगा जाता है लेकिन चंडीगढ़ में कोई डोमिसाइल की आवश्यकता नहीं है। हमारे चंडीगढ़ के लोग नौकरी और भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो जाते हैं। चंडीगढ़ यूटी ही रहना चाहिए यूटी स्टेट ही रहनी चाहिए। विधानसभा होनी चाहिए।

गृहमंत्री अमित शाह और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी का बहुत-बहुत धन्यवाद जो नौकरियों में सेंट्रल रूल लागू करके 26000 कर्मचारियों को लाभान्वित किया। उनका बहुत-बहुत धन्यवाद आज दोनों एजेंटों पर जो चंडीगढ़ हक के हितों की रक्षा के लिए लाए गए थे। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने चंडीगढ़ की जनता के साथ धोखा किया है। चंडीगढ़ की आवाज ना उठाकर सदन से बाई काट किया है। चंडीगढ की जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी।
दलीप शर्मा सीनियर डिप्टी मेयर, नगर निगम चंडीगढ़।

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