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डा रविंद्र मलिक, चंडीगढ़।
MRI And Cath Lab Facility : जानलेवा कोरोना बीमारी के मामले में पहले की तुलना में बेहद ही कम रह गए हो लेकिन तीसरी लहर पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। कोरोना के जस्टिन की दस्तक ने एक बार फिर से सब की चिंताएं बढ़ा दी। विशेषज्ञों की मानें तो हमें अब भी पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है।
वहीं दूसरी तरफ यह भी सामने आया है कि जिस तरह से बीमारियां बढ़िया और जनसंख्या बढ़ी है उस तरह की स्वास्थ्य सेवाएं अब भी हमारे सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध नहीं है और इनमें इजाफा करने की जरूरत है। इसी कड़ी में सामने आया है कि किस सरकारी अस्पतालों में एमआरआई सीटी स्कैन और डायलिसिस जैसी जैसी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं है जो कि समय की जरूरत है। MRI And Cath Lab Facility
हालांकि पहले की तुलना में काफी सुधार हुआ है लेकिन जरूरत कहीं ज्यादा है। इसके अलावा यह भी सामने आया कि ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में कैथ लैब की सुविधा नहीं है और बढ़ती बीमारियों को देखते हुए यह जरूरी है कि कम से कम हर जिले में एक लैब हो ताकि समय रहते बीमारी की टेस्टिंग हो सके। इसके अलावा जिस तरह से बीमारियां के मरीज बढ़ रहे हैं, दूसरी जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं शुरू करने की जरूरत है ताकि मरीजों को दूसरे जिलों में न जाना पड़े।
बीमारी गंभीर होने की स्थिति में या बीमारी की तह में जाने के लिए कई बार डाक्टर को मरीज के एमआरआई करना पड़ता है लेकिन हरियाणा के केवल 5 ही जिलों में फिलहाल एमआरआई की सुविधा है। इनमें अंबाला कैंट, भिवानी, पंचकूला, फरीदाबाद और गुरुग्राम जिले हैं जहां पर एमआरआई की सुविधा उपलब्ध है।
प्रदेश के बाकी अन्य जिलों में उपरोक्त सुविधा उपलब्ध नहीं है जिसके चलते मरीजों को दूसरे जिलों का रुख करना पड़ता है। इसके चलते उनको ज्यादा पैसे तो खर्च करने ही पड़ते हैं साथ में इसमें उनकी एनर्जी और समय भी काफी लगता है यह भी बता दें कि जहां सरकारी संस्थानों में सामान्यत: 2500 रुपए से शुरू है तो वहीं प्राइवेट अस्पतालों में यह फीस करीब 6000 रुपए है ऐसे में अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि मरीजों पर पर कितना अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। हालांकि ये भी बता दें बीमारी के लिहाज से एमआरआई अलग अलग होते हैं और रेट भी इसी पर निर्भर होता है।
किसी बीमारी के इलाज के दौरान सीटी स्कैन की जरूरत प्रणाम बात है लेकिन यहां भी स्थिति यह है कि प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में सीटी स्कैन की सुविधा नहीं है मरीजों को सीटी स्कैन के लिए प्राइवेट लैब अस्पतालों का रूख करना पड़ता है। जिसके चलते उनको कई गुना ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं। सामने आया है कि कई जिलों के सरकारी अस्पतालों में सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध नहीं है उनमें झज्जर, बहादुरगढ़, फतेहाबाद, चरखी दादरी पलवल और नूंह जिले शामिल हैं।
बढ़ती बीमारियों को देखते हुए कैथ लैब की बेहद जरूरत है। कैथ लैब में कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं, जैसे कि एंजियोप्लास्टी या पेसमेकर इंप्लांटेशन आदि और इसके अलावा भी कई अन्य प्रोसीजर होते हैं जिनके लिए कैथ लैब की जरूरत होती है।
5 जिलों में डायलिसिस की सुविधा भी नहीं
हरियाणा में किडनी की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। जो मरीज गंभीर रूप से बीमारी से जूझ रहे हैं, उनकी किडनी जाने की संभावना ज्यादा रहती है। किडनी खराब हो जाने की इस स्थिति में उनको डायलिसिस की जरूरत होती है।
डायलिसिस के दौरान उनका रक्त साफ किया जाता है और इस प्रक्रिया में लंबा समय लगता है। लेकिन यहां बता दें कि प्रदेश के जिन 5 जिलों के सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा फिलहाल नहीं है इनमें चरखी दादरी, अंबाला, करनाल,कुरुक्षेत्र और मेवात जिले शामिल है। MRI And Cath Lab Facility
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