ADVERTISEMENT
होम / देश / Chhath Puja 2023: चार दिन के छठ महापर्व में किस दिन क्या होता है? जानें नहाय-खाय से लेकर भोर अर्घ्य तक की प्रथा

Chhath Puja 2023: चार दिन के छठ महापर्व में किस दिन क्या होता है? जानें नहाय-खाय से लेकर भोर अर्घ्य तक की प्रथा

BY: Shanu kumari • LAST UPDATED : November 14, 2023, 4:25 pm IST
ADVERTISEMENT
Chhath Puja 2023: चार दिन के छठ महापर्व में किस दिन क्या होता है? जानें नहाय-खाय से लेकर भोर अर्घ्य तक की प्रथा

Chhath Puja 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Chhath Puja 2023: दिवाली के बाद हिंदू धर्म का सबसे बड़ा पर्व छठ पूजा आने वाला है। इस पर्व को विशेष रुप से पूर्वी उत्तर प्रदेशों मनाया जाता है। यूपी, बिहार और झारखंड समेत कई राज्यों में इसकी धूम देखने को मिलती है। इस दिन महिलाएं अपने पति, संतान और पूरे परिवार के तरक्की के लिए पूजा करती हैं।

यह पर्व सबसे कठिन पर्वों में जाना जाता है, क्योंकि इस पर्व को करने के नियम काफी कठीन होते हैं। इस पर्व के दौरान महिलाएं 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखती है। साथ ही सूर्य देव और षष्ठी माता की पूजा की जाती है। इस पर्व की शुरुआत कार्तिक मास के चतुर्थी तिथि से हो जाती है। छठ महापर्व पूरे चार दिनों का होता है। इस दौरान हर दिन अलग-अलग तरह से पूजा की जाती है।

पहला दिन – नहाय-खाय

पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के दिन से होती है। कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को पहला दिन होता है। इस साल नहाय-खाय 17 नवंबर 2023 को है। इस दिन महिलाएं नहा कर सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं। इस दिन कद्दू-भात मुख्य होता है।

दूसरा दिन – खरना

दूसरे दिन को हम खरना मनाते हैं। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को खरना होता है। खरना को लोहंडा के नाम से जाना जाता है। इस साल लोहंडा 18 नवंबर 2023 को मनाया जाना है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत में रहती है। जिसके बाद रात में पूजा के बाद गुड़ से बनी खीर खाती हैं। इसके बाद से निर्जला व्रत की शुरूआत होती है।

तीसरा दिन – मुख्य व्रत

पर्व के तीसरे दिन पर्व की मुख्य पूजा की जाती है। इस दिन सभी व्रती अपने परिवार के साथ गांव के नदी, सरोवर, पोखर या तालाब आदि में जाकर डूबते सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। साथ ही छठी माई की पूजा भी की जाती है। इस साल मुख्य पूजा छठ पूजा का तीसरे दिन यानी 19 नवंबर को होना है।

चौथा दिन – उषा अर्घ्य

महा पर्व के चौथे दिन को हम भोर के अर्घ्य या उषा अर्घ्य के नाम से भी जानते हैं। यह पर्व का आखिरी दिन होता है। इस दिन उगते सूर्य को जल दिया जाता है। साथ में छठी माई की पूजा भी की जाती है। इसके साथ पर्व का समापन होता है। इस बार ये दिन 20 नवंबर को है। पूरे पूजा के दौरान पूरा परिवार सात्विक खाना खाता है। साथ ही छठी मईया और सूर्य देव की पूजा भी करते हैं।

Also Read:

Tags:

Chhath Puja 2023chhath puja 2023 datechhath puja 2023 in biharChhath Puja importance

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT