India News (इंडिया न्यूज), Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां एक आदिवासी बस्तर क्षेत्र में कोंडागांव जिले के केरवाही माध्यमिक विद्यालय के लगभग 25 छात्रों को शिक्षकों के द्वारा भयावह कार्य का शिकार पाया गया है। बता दें कि, स्कूल के शौचालयों के बाहर शौच करने जैसे मामूली से अपराध के लिए सजा के तौर पर छात्रों को एक-दूसरे के हाथों पर गर्म तेल डालने के लिए मजबूर किया गया, जिसके कारण प्रधानाध्यापिका और दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

यह दिल दहला देने वाली घटना स्कूल अधिकारियों की निगरानी में सामने आई है, जिसके बाद अभिभावकों में काफी गुस्सा फैल गया और शिक्षा विभाग की ओर से त्वरित कार्रवाई की गई। जैसे ही इस भयावह घटना का वीडियो वायरल हुआ, न केवल कथित दुर्व्यवहार पर प्रकाश डाला गया, बल्कि तीन शिक्षकों को उनके खिलाफ व्यापक जांच होने तक निलंबित भी कर दिया गया।

गर्म तेल डालने के लिए किया गया मजबूर

शुक्रवार को दोपहर के भोजन के समय शिक्षक दोपहर के भोजन के लिए परिसर से बाहर चले गए। वापस लौटने पर उन्हें पता चला कि, किसी ने शौचालय के बाहर शौच किया है। उन्होंने छात्रों से पूछताछ की तो छात्र डर गये। मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले के बाद बच्चों के हाथों पर गर्म तेल डालने का आदेश दे दिया गया। अभिभावकों का आरोप है कि, शिक्षकों ने बच्चों को मिड-डे मील की रसोई से लाया गया गर्म तेल एक-दूसरे के हाथों पर डालने के लिए मजबूर किया।

शिक्षा विभाग ने घटना के लिया संज्ञान में

हालांकि, यह वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग ने इस घटना पर संज्ञान लिया। शिक्षा विभाग के प्रखंड साधन सेवी ताहिर खान ने बताया कि मामला सामने आते ही जिला शिक्षा विभाग ने जांच टीम गठित की। इस टीम ने स्कूल में हुई घटना की गहनता से जांच की है और अपनी रिपोर्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंपेगी। घटना के जवाब में आवश्यक कदम सुनिश्चित करते हुए उचित कार्रवाई की जाएगी। (Chhattisgarh News) इस बीच, कोंडागांव जिला शिक्षा अधिकारी मधुलिका तिवारी ने कहा कि, पांच छात्रों की हथेलियों पर छाले पड़ गए हैं, उनका दावा है कि स्कूल के मॉनिटरों ने यह कृत्य किया है और इस कृत्य में इस्तेमाल किया गया तेल उतना गर्म नहीं था। उन्होंने उन रिपोर्टों का खंडन किया कि घटना में 25 छात्र प्रभावित हुए थे।

कोंडागांव डीईओ ने क्या कहा,

“चूंकि यह घटना स्कूल के समय में हुई, इसलिए शिक्षक इसके लिए जिम्मेदार हैं। इसलिए हमने तीन शिक्षकों को निलंबित कर दिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है. प्रधानाध्यापिका जौहरी मरकाम, व्याख्याता मिताली वर्मा और शिक्षिका पूनम ठाकुर निलंबित हैं।” स्कूल में लगभग 70 छात्र पढ़ रहे हैं, और शिक्षण कार्य की देखभाल पांच शिक्षकों द्वारा की जाती है। यह पूछे जाने पर कि क्या तीन शिक्षकों की अनुपस्थिति में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी, कोंडागांव डीईओ ने कहा कि, वे स्कूल में शिक्षा की निरंतरता बनाए रखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे।

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