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India News (इंडिया न्यूज) Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य में करंट लगने से हाथियों और अन्य जंगली जानवरों की मौत की घटनाओं का संज्ञान लिया और तीखे सवाल पूछे। कोर्ट ने ऊर्जा विभाग से स्पष्टीकरण मांगा और पूछा कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।
हाथी की मौत पर मांगा जवाब
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने छत्तीसगढ़ के विभिन्न इलाकों में करंट लगने से हाथियों और अन्य जंगली जानवरों की मौत की घटनाओं का स्वतः संज्ञान लिया है. कोर्ट इस मामले की सुनवाई जनहित याचिका के तौर पर कर रही है. कोर्ट ने रायगढ़ जिले में एक बच्चे समेत 3 हाथियों की मौत की घटना पर छत्तीसगढ़ के ऊर्जा विभाग के सचिव और विद्युत वितरण कंपनी रायपुर के प्रबंध निदेशक से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए क्या आवश्यक सुधार किए गए हैं. ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।
3 हाथी का मौत पर हड़कंप
मिली जानकारी के अनुसार खंडपीठ ने सोमवार को मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई की। विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार में कहा गया है कि हाल ही में रायगढ़ वनमंडल के चुहकीमार वन क्षेत्र में करंट लगने से एक शावक समेत तीन मादा हाथियों की मौत हो गई। कोर्ट ने कहा कि इन तीनों हाथियों की मौत 11 केवी बिजली लाइनों के संपर्क में आने से हुई। ये तार जमीन से बमुश्किल तीन से चार मीटर ऊपर लटक रहे थे।
करंट लगने से मौत
कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट नियम है कि कृषि क्षेत्रों और जंगलों से गुजरने वाली बिजली लाइनें जमीन से कम से कम 7.5 मीटर ऊपर होनी चाहिए और खुले बिजली के तारों की जगह इंसुलेटेड केबल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इस बीच रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने अपने वकील सूर्या कवलकर डांगी के माध्यम से आवेदन दायर कर कहा कि एक नवंबर 2024 को बिलासपुर वनमंडल के तखतपुर वन परिक्षेत्र में करंट लगने से एक शिशु हाथी की मौत हो गई थी।
करंट लगने से तीन भालुओं की मौत
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की डबल बेंच ने कहा कि वर्ष 2001 से अब तक राज्य में 78 हाथियों की मौत हो चुकी है। इससे पहले 10 अक्टूबर को कांकेर में करंट लगने से तीन भालुओं की मौत हो गई थी। अक्टूबर महीने में ही जंगली जानवरों के शिकार के लिए बिछाए गए बिजली के तारों की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई थी।
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