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India News (इंडिया न्यूज) Chhath Puja 2024: गुरुवार की शाम रायगढ़ शहर के केलो नदी स्थित छठ घाटों पर छठी मैया की पूजा करने वाले श्रद्धालु अपने परिवार के सदस्यों के साथ सिर पर टोकरियों में पूजन सामग्री और विभिन्न प्रकार के फल-फूल लेकर ढोल-नगाड़ों के साथ छठी मैया के लोकगीत गाते हुए शाम 4 बजे अपने निर्धारित पूजा स्थल पर पहुंचे।
करोड़ों लोगों के लिए आस्था का पर्व
छठी मैया पूजा के अंतर्गत मान्यता के अनुसार नहाए खाए, खरना पूजा के बाद डूबते सूर्य भगवान को पहला अर्घ्य दिया जाता है। इसी परंपरा का पालन करते हुए आज शहर के सभी छठ घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु और व्रती पहुंचे और शुद्ध मन से नदी और तालाब में डुबकी लगाई और विधि-विधान से मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की। इसके बाद भगवान सूर्य को बड़ी श्रद्धा के साथ अर्घ्य दिया और आज के धार्मिक नियमों का पालन किया।छठ घाट पर पहुंची महिला ने कहा कि यह छठ पर्व नहीं, बल्कि महापर्व है। हम बिहारियों के लिए, उत्तर भारतीयों के लिए। यह पर्व आज करोड़ों लोगों के लिए आस्था का पर्व बन गया है।
हर कोई उगते सूर्य को जल अर्पित करता है। लेकिन यह एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें डूबते सूर्य को जल अर्पित किया जाता है। यह पर्व हम सभी के लिए आस्था और विश्वास का पर्व है। कल सभी श्रद्धालु भक्ति भाव से उगते सूर्य को जल अर्पित करेंगे और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे। इसके बाद फलाहार ग्रहण करेंगे।छठ घाट पर पूजा करने आई एक महिला ने बताया कि छठ पूजा की परंपरा सदियों से चली आ रही है। हम पूजा इसलिए करते आ रहे हैं ताकि हमारा परिवार सुखी और समृद्ध रहे। हम जो भी कामना करते हैं, छठी मैया हमें वह देती हैं। आज शाम हमने डूबते सूर्य को जल अर्पित किया है और कल सुबह फिर उगते सूर्य को जल अर्पित करेंगे।
छठ पूजा पर पहले दिन नहाए खाए से शुरू होकर दूसरे दिन खरना में महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को अलग चूल्हे पर खीर और रोटी बनाकर खाती हैं। इसके बाद अगले दिन पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर शाम को डूबते सूर्य को जल अर्पित करती हैं और अगले दिन सुबह-सुबह छठ घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को जल अर्पित करती हैं। छठ पर्व के अवसर पर आज शहर के सभी छठ घाटों पर लोगों की भारी भीड़ रही। हजारों श्रद्धालुओं ने छठ घाट पर पटाखे फोड़कर सूर्य षष्ठी का पर्व मनाया। इसके साथ ही जूट मिल छठ घाट पर मेले जैसा माहौल रहा और यहां बच्चों के लिए झूले भी लगाए गए थे।
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