इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Delmicron Virus 2021 में दुनिया भर में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर लोगों में डर बस गया। इन बढ़ते हुए केसों से अंदाजा लगाया जा रहा है कि 2022 में भी कोरोना महामारी से मुक्तिनहीं मिलने वाली। क्योंकि इसी बीच पिछले कुछ दिनों से कोरोना के सुपर स्ट्रेन डेल्मिक्रॉन की चर्चा शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि डेल्मिक्रॉन ही अमेरिका और यूरोप में कोरोना के तूफानी गति से बढ़ने के लिए जिम्मेदार है। इस सुपर स्ट्रेन को लेकर कई विशेषज्ञ चिंता जता चुके हैं।
डेल्मिक्रॉन कोरोना का नया वैरिएंट नहीं है। दरअसल, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के डेल्टा वेरिएंट और ओमिक्रॉन वेरिएंट मिलकर एक ‘सुपर स्ट्रेन’ बना रहे हैं, जिसे डेल्मिक्रॉन कहा जा रहा है। एक ही व्यक्ति में डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों के संक्रमण से पैदा होने वाली स्थिति को ही डेल्मिक्रॉन कहा जा रहा है। बताया जा रहा है कि कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग-डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों ही वेरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे ही लोगों के अंदर डेल्टा और ओमिक्रॉन के वायरस मिलकर नया सुपर स्ट्रेन डेल्मिक्रॉन बना रहे हैं। (Delmicron Virus)
माना जा रहा है कि डेल्मिक्रॉन में डेल्टा और ओमिक्रॉन के जुड़वां स्पाइक प्रोटीन हैं। दोनों वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन होने की वजह से ही डेल्मिक्रॉन ज्यादा घातक असर दिखा रहा है। स्पाइक प्रोटीन से ही कोरोना वायरस मानव शरीर की कोशिका में घुसने के दरवाजे खोलता है। अमेरिका और यूरोप में लगातार बढ़ रहे कोरोना केसेज भी डेल्मिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते खतरे ओर संकेत देते हैं। (Delmicron Virus )
एक्सपर्ट्स का मानना है कि डेल्मिक्रॉन फैलने का खतरा कमजोर इम्यूनिटी वाले, बुजुर्गों और कोमोर्बिडिटी (एक से अधिक बीमारियों से ग्रसित) लोगों में अधिक है। साथ ही ऐसे लोग जिन्हें अब तक कोरोना वैक्सीन नहीं लगी है उनमें भी डेल्मिक्रॉन संक्रमण फैलने का खतरा है। ऐसे इलाके जहां वैक्सीनेशन कम हुआ, उस इलाके के लोगों पर भी डेल्मिक्रॉन कहर ढा सकता है। (Delmicron Virus )
अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक पिछले महीने तक अमेरिका के कुल कोरोना मामलों में से 99 फीसदी के लिए डेल्टा वेरिएंट जिम्मेदार था। दिसंबर के तीसरे हफ्ते तक अमेरिका के नए कोरोना केस में से 73 फीसदी से अधिक ओमिक्रॉन के थे, जबकि 26.6 फीसदी ही डेल्टा के केस थे। एक्सपर्ट्स का मानना है अमेरिका में बढ़ते कोरोना केस के पीछे डेल्टा या ओमिक्रॉन के बजाय डेल्मिक्रॉन भी जिम्मेदार हो सकता है। यानी डेल्टा+ओमिक्रॉन से बना स्ट्रेन ही नए मामलों के बढ़ने के लिए जिम्मेदार है। वहीं ब्रिटेन में कोरोना की तेज रफ्तार के पीछे कहीं न कहीं ओमिक्रॉन+डेल्टा से बने सुपर स्ट्रेन डेल्मिक्रॉन को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। (Delmicron Virus )
भारत में अब तक ओमिक्रॉन के 350 से अधिक मामले सामने आए हैं। वहीं, अभी भी देश के ज्यादातर कोरोना केस के लिए डेल्टा ही जिम्मेदार है। ओमिक्रॉन दुनिया के कई देशों में तेजी से डेल्टा की जगह ले रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर सुपर स्ट्रेन दुनिया के अन्य हिस्सों में असर दिखा रहा है तो ये भारत के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। हालांकि अभी ये कह पाना मुश्किल है। भारत में अभी तक करीब 38 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन की कोई डोज नहीं लगी है। यानी देश में करोड़ों लोग अनवैक्सीनेटेड हैं, इन्हीं लोगों को कोरोना के सुपर स्ट्रेन डेल्मिक्रॉन फैलने पर सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है।
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