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पुरुष क्रिकेट से कितना अलग होता है महिलाओं का क्रिकेट? जानें पूरी डिटेल

Men’s vs Women’s Cricket Differences:पुरुष और महिला क्रिकेट के नियमों की बुनियाद एक जैसी है, लेकिन खेल को संतुलित और रोमांचक बनाए रखने के लिए कुछ अहम बदलाव किए गए हैं।

Written By: Divyanshi Singh
Last Updated: December 30, 2025 15:55:31 IST

Men’s vs Women’s Cricket Differences: पुरुष और महिला क्रिकेट की भावना और मुख्य नियम एक जैसे होते हैं, लेकिन कुछ जरूरी बदलाव दोनों फॉर्मेट को अलग पहचान देते हैं. मैदान का आकार, गेंद का वजन, बाउंड्री की दूरी, पावरप्ले नियम और टेस्ट मैच के नियम  ये सभी फर्क मैच की रणनीति और रोमांच को अलग बनाते हैं. पुरुषों के क्रिकेट में बड़ी बाउंड्री, भारी गेंदें और ज़्यादा बॉलिंग स्पीड होती है, जबकि महिलाओं के क्रिकेट में कॉम्पिटिटिव स्कोरिंग, स्विंग और टैक्टिकल सटीकता को बढ़ावा देने के लिए छोटी बाउंड्री और हल्की गेंदों का इस्तेमाल होता है. 

बाउंड्री रेंज

पुरुषों के क्रिकेट ग्राउंड महिलाओं की छोटी बाउंड्री रेंज (60–70 यार्ड) की तुलना में बड़े (65–90 यार्ड) होते हैं, जिससे निष्पक्षता बनी रहती है और नैचुरल ताकत के अंतर को बैलेंस किया जाता है.

महिलाओं की छोटी बाउंड्री (110–130m) ज़्यादा स्ट्राइक-रेट को बढ़ावा देती हैं, टाइमिंग को इनाम देती हैं, और बार-बार बाउंड्री लगवाना पक्का करती हैं, जिससे मैच डायनामिक और दर्शकों के लिए अच्छे बने रहते हैं.

बॉल

पुरुषों के क्रिकेट में 156–163g की बॉल का इस्तेमाल होता है, जिसका घेरा 22.4–22.9 cm होता है, जिससे बॉलर और फील्डर पर ज़्यादा स्पीड, लंबे शॉट और ज़्यादा फिजिकल लोड पड़ता है.

हल्की महिलाओं की बॉल (140–151g, 21–22.5 cm घेरा) बॉलर को रॉ पेस के बजाय स्विंग, सीम मूवमेंट और एक्यूरेसी पर ज़ोर देने में मदद करती है.

टेस्ट ओवर

टॉप पुरुष बॉलर अक्सर 140 km/h से ज़्यादा की स्पीड से बॉलिंग करते हैं, जबकि एलीट महिला पेस बॉलर आमतौर पर 115–120 km/h की स्पीड से बॉलिंग करते हैं, जिससे बैटिंग के अलग-अलग तरीके और फील्ड सेटिंग बनती हैं.

महिलाओं के टेस्ट में हर दिन 100 ओवर खेलने होते हैं, जबकि पुरुषों के टेस्ट में 90 ओवर होते हैं, जिससे चार दिन के फॉर्मेट में ज़्यादा ओवर-रेट और मैच की रफ़्तार तेज़ होती है.

फॉलो-ऑन

महिलाओं के टेस्ट में 150 रन की लीड होने पर फॉलो-ऑन शुरू हो जाता है, जबकि पुरुषों के टेस्ट में 200 रन की बढ़त की ज़रूरत होती है, जिससे मैच की प्रोग्रेस में फॉर्मेट के हिसाब से बैलेंस बना रहता है.

पावरप्ले

महिलाओं के ODI में एक प्राइमरी पावरप्ले होता है (पहले 10 ओवर, दो फील्डर बाहर), जबकि पुरुषों के ODI में तीन पावरप्ले होते हैं, जिससे इनिंग के अलग-अलग फेज में टैक्टिकल लेयर जुड़ जाती हैं.

इनिंग ब्रेक

महिलाओं के T20 इनिंग ब्रेक 15 मिनट के होते हैं, जबकि पुरुषों के गेम में 20 मिनट के होते हैं, जबकि महिला क्रिकेट में ODI ब्रेक ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी के लिए 45 मिनट तक बढ़ सकते हैं.

महिला टेस्ट में अक्सर महिला अंपायर डेवलपमेंट में मदद के लिए तीन अंपायर होते हैं, जबकि पुरुषों के टेस्ट में ICC एलीट पैनल की चार मैच ऑफिशियल की ज़रूरत होती है.

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