जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक बस में  बस यात्री के रूप में एक लश्करे तौयबा गुट के एक आतंकी को पकड़ा है। जम्मू में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया कि जम्मू पुलिस की 11 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद, जम्मू संभाग के रियासी जिले के निवासी आरिफ अहमद को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल हुई।

लश्करे तौयबा से था आतंकी

डीजीपी के मुताबिक, आरिफ एक सरकारी कर्मचारी है और लश्करे तौयबा गुट का आतंकी है। वह रियासी निवासी कासिम और उसके चाचा कमरदीन के कहने पर काम कर रहा था। वे दोनों फिलहाल पाकिस्तान में हैं और लश्करे तौयबा के लिए ही काम करते है। उन्होंने दावा किया कि आरिफ तीन आईईडी धमाकों की घटनाओं- शास्त्री नगर, कटड़ा और 21 जनवरी को नरवाल में शामिल था।

परफ्यूम की बोतल में बम

आरिफ के पास से एक नए प्रकार का आईईडी बम बरामद किया गया जो परफ्यूम आईईडी है। यह आईईडी एक बोतल के रूप में है और एक परफ्यूम की बोतल की तरह लगता है, लेकिन इसमें विस्फोटक सामग्री होती है। हमने इसे अभी तक छुआ नहीं है। फिलहाल पुलिस इस परफ्यूम बम की ताकत को जांचने में जुटी हुई है।

पत्रकारों के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह बहुत चतुर ओजीडब्ल्यू था। उसने अपने कपड़े, जूते और यहां तक कि उसने अपने मोबाइल फोन को भी आग के हवाले कर दिया था। उसने सारे सबूत जला दिए थे। लेकिन पुलिस ने छोटी-छोटी सूचनाओं और सुरागों पर भी मेहनत की, जिसके कारण आरिफ को गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह दावा करते थे कि आरिफ को मिले आईईडी को ड्रोन के जरिए हवा से गिराया गया था। वे कहते थे कि उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। आरिफ के और लिंक और संभावित कश्मीर कनेक्शन के बारे में पूछे जाने पर, डीजीपी ने कहा कि अभी तक यह नहीं देखा गया है कि कश्मीरी युवा आतंकवाद के लिए जम्मू आ रहे हैं या जम्मू के युवा कश्मीर जा रहे हैं।