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अब शराब की एक घूंट पीने के लिए भी बीबी से लेना होगा इजाजत? जानें क्या है BNS कानून जिसका नाम सुनते ही कांपते हैं पियक्‍कड़ पति

एक पत्नी अपने शराबी पति के खिलाफ क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (BNS) के सेक्शन 85B के तहत केस कर सकती है. यह नया कानून इतना सख्त है कि अपने पति को नज़रअंदाज़ करना बहुत महंगा पड़ सकता है.

Written By: Divyanshi Singh
Last Updated: December 12, 2025 18:39:53 IST

BNS: शादी का सीजन चल रहा है. नोट के साथ-साथ शराब की बोतलें भी खूब खुल रही है. अगर अपकी भी शादी हो चुकी है और शराब पीने के शौकीन हैं तो ये खबर आपके लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. वहीं अगर आप एक महिला हैं और अपने पति के शराब पीने और उसके बाद से होने वाले हंगामें से परेशान हो चुकी हैं तो बता दें कि भारतीय न्याय संहिता यानी BNS में एक ऐसा प्रावधान है जिससे आप अपने पियक्कड़ पति के दिमाग को ठिकाने लगा सकती हैं.तो चलिए जानते हैं क्या है BNS और इसके तहत पियक्‍कड़ पति के खिलाफ क्या कार्यवाही हो सकती है.

BNS क्या है? 

एक पत्नी अपने शराबी पति के खिलाफ क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (BNS) के सेक्शन 85B के तहत केस कर सकती है. यह नया कानून इतना सख्त है कि अपने पति को नज़रअंदाज़ करना बहुत महंगा पड़ सकता है. इसके तहत 3 साल की जेल और जुर्माना हो सकता है. एक पत्नी अपने पति के खिलाफ इस सेक्शन के तहत तभी FIR कर सकती है.  जब पति शराब या कोई नशीला पदार्थ पीकर घर में हंगामा करता है या पत्नी की सुरक्षा, मानसिक शांति या इज्ज़त को पति से खतरा हो. वहीं पत्नी तब भी शिकायत दर्ज कर सकती है जब  पत्नी ने उसे शराब पीकर घर आने से मना किया हो, फिर भी पति शराब पीकर घर आ रहा हो.

अविवाहितों के लिए क्या कहता है ये कानून? 

वहीं आप को बता दें कि अगर आप अविवाहित हैं, रोज शराब पीते हैं, देर रात लौटते हैं तो कानून आपको नहीं रोकता. यह कानून सिर्फ विवाहिता महिलाओं की सुरक्षा और वैवाहिक शांति के लिए बनाया गया है.

पत्नी को क्या अधिकार दिए गए हैं?

यह कानून सिर्फ़ सज़ा देने के बारे में नहीं है, बल्कि पत्नी को कई मज़बूत कानूनी सुरक्षा भी देता है. इस कानून के तहत पत्नी सीधे पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करा सकती है. पुलिस को ऐसे मामलों में कार्रवाई करनी ही होगी. वहीं अगर पत्नी को लगता है कि उसका पति शराब के नशे में उसके साथ मारपीट कर सकता है, तो वह  सुरक्षा की मांग कर सकती है साथ ही घर से दूर रहने का आदेश ले सकती है. इस कानून के तहत पति को अच्छे व्यवहार के लिए बॉन्ड पर भी रखा जा सकता है. वहीं अगर पति शराब पीने की वजह से परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने में लापरवाही करता है, तो वह अपनी पत्नी के गुज़ारे का खर्च उठाने की कानूनी ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकता.

यह कानून पतियों पर इतना सख्त क्यों है?

सरकार का कहना है कि घरेलू हिंसा के 40% से ज़्यादा मामलों में शराब एक बड़ी वजह है. नए BNS में महिलाओं की सुरक्षा और परिवार की शांति को प्राथमिकता दी गई है. इसीलिए सेक्शन 85B जैसे नियम लाए गए ताकि पति शराब पीकर घर में बिना रोक-टोक के गड़बड़ी न करें. शराब पीना एक आदत हो सकती है, लेकिन आपको किसी की शांति, इज्ज़त या सुरक्षा को खतरे में डालने का अधिकार नहीं है.

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