Odisha Class 4 Student Inhuman Act: इस कलयुग में अभी क्या कुछ देखना बाकि है यह तो आने वाला समय ही बताएगा. ओडिशा के बालासोर से बेहद ही दिल दहलाने और इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जिसने हर किसी को पूरा तरह से चौंका दिया. जहां, कक्षा 4 का 10 साल के छात्र को जंजीस से दस दिनों तक बांधा गया. वीडियो हम आपको नहीं दिखा सकते हैं, क्योंकि वह विचलित कर सकता है. आखिर क्या है इसके पीछे की वजह जानने के लिए पूरी खबर पढ़िए.
क्या है सनसनीखेज पूरा मामला?
दरअसल, यह मानवता को शर्मसार करने वाला मामला ओडिशा के बालासोर ज़िले में एक सरकारी हॉस्टल का है. जहां, एक 10 साल का मासूम जो केवल चौथी कक्षा में पढ़ता है, उसे जंजीर से इसलिए बांधा गया है क्योंकि, वह बार-बार बिना अनुमति के हॉस्टल से घर भागने की फिराक में रहता था. इस मासूम बच्चे का जंजीर से बंधे रहने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद प्रशासन ने सख्त से सख्त जांच के आदेश दिया है.
स्कूल अधिकारी ने किया चौंकाने वाला खुलासा
इस मामले में स्कूल अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्चे के पिता ने ही उसे जंजीर से बांधने के लिए कहा था. फिलहाल, इस दिल दहला देने वाले मामले में प्रशासन ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
स्कूल का पक्ष, संबंधित लोगों के बयान किए जा रहे दर्ज
इस मामले के सामने आने के बाद ही स्थानीय प्रशासन ने बिना किसी देर किए तुरंत सख्त जांच के निर्देश दिए हैं. स्कूल ऑथोरिटी ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि वे सभी संबंधित लोगों के बयानों को दर्ज करने में जुटी हुई, जिनमें बच्चे के पिता और हॉस्टल स्टाफ का बयान दर्ज किया जा रहा है. तो वहीं, दूसरी तरफ स्कूल ऑथोरिटी ने मामले में दावा करते हुए कहा कि बच्चे के पिता ने ही खुद कहा था कि बच्चा बार-बार घर बाग जाता था, इसलिए उन्होंने ही बच्चे तो हॉस्टल में बांधने की बात कही थी.
हॉस्टल प्रबंधन की जिम्मेदारी पर उठे सवाल
फिलहाल, प्रशासन ने इस मामले को बेहद ही दुखद बताया है, जिसपर उन्होंने कहा कि जांच में जो भी व्यक्ति दोषी पाया जाएगा, उसके सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि, भविष्य में ऐसी शर्मनाक घटनाएं दोबारा नहीं हो सके. लेकिन, अब आखिरी में सबसे बड़ा सवाल यह है कि स्कूल प्रबंधन ने परिसर के अंदर एक छात्र के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार करने की अनुमति उसके पिता को भी क्यों ही दी? यह घटना बाल अधिकारों के गंभीर उल्लंघन की तरफ इशारा करती है और साथ ही हॉस्टल प्रबंधन की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करती है.