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वैवाहिक दुष्कर्म अपराध है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट करेगा तय

BY: Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : January 16, 2023, 4:29 pm IST
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वैवाहिक दुष्कर्म अपराध है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट करेगा तय

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : सुप्रीम कोर्ट ने मैरिटल रेप को अपराध के दायरे में लाने की मांग हो रही याचिकाओं पर सोमवार को केंद्र से जवाब – तलब किया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ ने केंद्र सरकार से 15 फरवरी तक इस मुद्दे पर जवाब देने को कहा है। जानकारी दें, इन याचिकाओं पर सुनवाई 21 मार्च से शुरू होगी। अब सुप्रीम कोर्ट मार्च में मामले पर अंतिम सुनवाई कर यह तय करेगा कि मैरिटल रेप अपराध की श्रेणी में है या नहीं।

आपको बता दें , देश की कई हाई कोर्ट में मैरिटल रेप का मामला आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले पर फैसला दिया था, जिसमें मैरिटल रेप को अपराध करार दिया था जबकि दिल्ली हाईकोर्ट के जज इस मामले पर सहमत नहीं थे। अब इस मामले को तीन जजों की बेंच को सौंप दिया गया है। हालांकि इस दौरान सभी हाईकोर्ट में लंबित मामलों को सुप्रीम कोर्ट ने अपने पास स्थानांतरित करने का आदेश दिया है।

मैरिटल रेप पर कर्नाटक सरकार का SC में हलफनामा

जानकारी दें, कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक मामले में पति पर केस दर्ज करने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने भी इस मामले में पति पर पत्नी के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में केस दर्ज करने का समर्थन किया है। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। जिसमें कहा गया है कि केस दर्ज होना चाहिए। हाईकोर्ट ने पत्नी के साथ जबरन यौन संबंध बनाने के लिए आईपीसी की धारा 376 के तहत पति के खिलाफ लगाए गए आरोपों को बरकरार रखा है।

वैवाहिक दुष्कर्म अपवाद की संवैधानिकता पर काेई टिप्पणी किए बिना हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले के तथ्यों और हालात में इस तरह के यौन हमले/दुष्कर्म के लिए पति को पूरी छूट नहीं दी जा सकती है। मालूम हो, वैवाहिक दुष्कर्म पर बहस का एक लंबा दौर है। पूर्व में दिल्ली हाईकोर्ट में दााखिल याचिकाओं में दुष्कर्म के कानून के तहत पतियों को दी गई छूट को खत्म करने की मांग की गई थी।

जानें क्या है वैवाहिक दुष्कर्म

आपको बता दें, आईपीसी की धारा-375 में रेप को परिभाषित किया गया है। उसी में मैरिटल रेप यानी पति द्वारा 15 साल से ज्यादा उम्र की पत्नी के साथ बनाए गए संबंध को रेप का अपवाद माना गया है यानी पति के खिलाफ रेप का केस दर्ज नहीं हो सकता। लेकिन कानून कहता है कि अगर कोई शख्स किसी भी महिला के साथ उसकी मर्जी के खिलाफ संबंध बनाता है तो वह रेप होगा।

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Delhi High Courtmarital rapeSC

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