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विक्रांत पर जो गर्व महसूस हुआ उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता : मोदी

BY: Vir Singh • LAST UPDATED : September 3, 2022, 11:31 am IST
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विक्रांत पर जो गर्व महसूस हुआ उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता : मोदी

विक्रांत पर जो गर्व महसूस हुआ उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता : मोदी

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (PM Modi Share Video On INS Vikrant): भारतीय नौसेना को मिले पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के विशालकाय आकार व इसकी ताकत और क्षमता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गर्व महसूस कर रहे हैं। बता दें कि कल ही पीएम ने केरल के कोच्चि शिपायार्ड में इस युद्धपोत को एक समारोह के दौरान नौसेना को सौंपा है। इसके बाद उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर आईएनएस विक्रांत की कमीशनिंग सेरेमनी की झलकियों का एक वीडियो शेयर किया है।

दो मिनट 52 सेकंड का है वीडियो

प्रधानमंत्री ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन! जब मैं शुक्रवार को आईएनएस विक्रांत पर सवार था तो उस गर्व की भावना को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मोदी द्वारा शेयर किया गया दो मिनट 52 सेकंड का वीडियो भारतीय नौसेना की अद्भुत विरासत, नौसेना के अदम्य साहस और अतुलनीय पराक्रम से भरा है। इसमें कार्यक्रम की सभी यादों को संजोया गया है। कैसे बना आईएनएस विक्रांत? भारत में बने आईएनएस विक्रांत में इस्तेमाल सभी चीजें स्वदेशी नहीं हैं। यानी इसमें लगाए गए कुछ कलपुर्जे विदेशों से भी मंगाए गए हैं।

76 फीसदी हिस्सा देश में मौजूद संसाधनों से बना

नौसेना का कहना हे कि पूरी परियोजना का 76 फीसदी हिस्सा देश में मौजूद संसाधनों से ही बना है। विक्रांत को बनाने के लिए जरूरी युद्धपोत स्तर की स्टील को स्टील अथॉरिटी आॅफ इंडिया (सेल) से तैयार करवाई गई है। इस स्टील को तैयार करने में भारतीय नौसेना के अलावा रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) की भी मदद ली गई है। बताया गया है कि सेल के पास अब युद्धपोत स्तर की स्टील बनाने की जो क्षमता है, भविष्य में देश को इससे काफी मदद करेगी।

ये सभी चीजें स्वदेशी

नौसेना के अनुसार आईएनएस विक्रांत में इस्तेमाल की गई 23 हजार टन स्टील, 2500 किलोमीटर इलेक्ट्रिक केबल, 150 किमी के बराबर पाइप और 2000 वॉल्व स्वदेशी हैं। इसके अलावा इसमें शामिल एयर कंडीशनिंग से लेकर रेफ्रिजरेशन प्लांट्स, स्टेयरिंग और हल बोट्स, से जुड़े कलपुर्जे देश में ही बने हैं।

विक्रांत 21वीं सदी के भारत की मेहनत का प्रमाण

आईएनएस विक्रांत को देश को समर्पित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था, विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है, बल्कि यह 21वीं सदी के भारत की प्रतिबद्धता, प्रतिभा, प्रभाव और मेहनत का प्रमाण है। उन्होेंने कहा, स्वतंत्रता के आंदोलन में हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने जिस शक्तिशाली, समर्थ और सक्षम भारत का सपना देखा था, विक्रांत उसकी जीती जागती तस्वीर है।  आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय योगदान है-विक्रांत। अगर समंदर और चुनौतियां अनंत हैं तो भारत का उत्तर है-विक्रांत।

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