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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
देश की राजधानी दिल्ली में भी मंकीपॉक्स का मामला सामने आया है। इसके बाद देश में कुल मामलों की संख्या चार हो गई है। गौरतलब है कि इससे पहले केरल में इस रोग के तीन मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा यह कई देशों में पैर पसार चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली में मंकीपॉक्स से संक्रमित एक व्यक्ति की पुष्टि की है। उसका विदेश यात्रा का भी कोई इतिहास नहीं बताया गया है। आधिकारिक सूत्र ने बताया है कि पाजिटिव मरीज ने विदेश यात्रा नहीं की थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है मरीज की उम्र 31 वर्ष है और उसने विदेश यात्रा नहीं की है। मरीज बुखार व त्वचा के घावों के साथ दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती है।
कोरोना वायरस के बाद विश्व में मंकीपाक्स फैलता जा रहा है। 70 से अधिक देशों को यह अपनी चपेट में ले चुका है। क्योंकि यह वायरस दुनिया भर में तेजी से फैल गया है। डब्ल्यूएचओ ने मंकीपाक्स को वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया है। संगठन ने कहा है कि यह मंकीपाक्स के प्रकोप की एक असाधारण स्थिति है जो वैश्विक आपातकाल की ओर इशारा करती है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनाम घेब्रेसस ने कल जानकारी दी कि मंकीपाक्स का प्रकोप वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी का प्रतिनिधित्व करता है। वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी का मतलब डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी उच्चतम स्तर का अलर्ट माना जाता है। वायरस जनित बीमारी के मामले में इसे एक अलार्म के तौर लिया जाता है। इमरजेंसी का यह भी मतलब है कि इस वायरस के संक्रमण से निपटने को लेकर समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की जरूरत है।
डब्ल्यूएचओ के मंकीपाक्स को इमरजेंसी घोषित करने के कदम से वायरस के संक्रमण पर काबू पाने के लिए टीके और इलाज के लिए साझा सहयोग के रास्ते खुलेंगे। संगठन का कहना है कि मंकीपाक्स जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस है और इससे संक्रमित होने पर चेचक के रोगियों के लक्षण पाए जाते हैं। राहत की बात यह है कि यह वायरस चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है।
एक रिपोर्ट के अनुसार डब्ल्यूएचओ का कहना है कि पूरी दुनिया में मंकीपाक्स के 14,000 मामलों की पुष्टि हुई है। अफ्रीका में 5 लोगों की मंकीपाक्स से मौत हुई। डब्ल्यूएचओ के अनुसार ज्यादातर मामले स्पेन, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और नीदरलैंड में पाए गए हैं।
बता दें कि यह वायरस के भारत में भी पहुंचने के बाद सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। पिछले सप्ताह केरल के कन्नूर जिले में दूसरा मामला मिला था जबकि पहला मामला दक्षिण केरल के कोल्लम जिले से 14 जुलाई को सामने आया था। तीसरा मामला भी इसी राज्य में मिला है केरल सरकार मंकीपाक्स को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया जारी कर चुकी है। सभी निजी और सरकारी अस्पतालों को इस एसओपी का पालन करना होगा।
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