इंडिया न्यूज़ (दिल्ली): दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 1997 के उपहार सिनेमा कांड में सबूतों से छेड़छाड़ के केस में रियल स्टेट कारोबारी गोपाल अंसल और सुशील अंसल की सजा को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया.
कोर्ट ने कोर्ट के पूर्व स्टाफ दिनेश चंद शर्मा और पीपी बत्रा की अपील को भी खारिज कर दिया है,हालांकि अनूप सिंह की अपील को मंजूर कर लिया गया है,अदालत कल सजा पर नई दलीलों पर सुनवाई करेगी.
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने अंसल और अन्य को भारतीय दंड संहिता की धारा 201 (सबूत से छेड़छाड़), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) के तहत दोषी ठहराया था,13 जून 1997 को उपहार सिनेमा की आग में 59 लोगों की जान चली गई थी और 103 लोग घायल हो गए,जब दर्शक उस साल की सबसे बड़ी बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर, बॉर्डर को दोपहर की स्क्रीनिंग के दौरान देख रहे थे.
दिल्ली का पॉश उपहार सिनेमा, रियल एस्टेट दिग्गजों और भाइयों – सुशील और गोपाल अंसल के स्वामित्व में था,95 सुनवाइयों के बाद अंतत:अंसल को दोषी करार दिया गया,8 नवंबर 2021 को सात साल की जेल,सबूतों से छेड़छाड़ मामले में कोर्ट ने प्रत्येक दोनों पर 2.5 -2.5 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया,अदालत ने अदालत के पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा और दो अन्य -पीपी बत्रा और अनूप सिंह को भी 7 साल की जेल की सजा सुनाई और उनमें से प्रत्येक पर 3 लाख का जुर्माना लगाया.
इससे पहले उच्च न्यायालय ने सजा के निलंबन के लिए दोनों की याचिका को खारिज कर दिया था,जिसमें कहा गया था कि यह न्यायिक प्रणाली में और एक संस्था के रूप में न्यायपालिका में जनता के विश्वास को कम करने के समान होगा क्योंकि यह दोषियों को समय बीतने के साथ-साथ समय बीतने का लाभ उठाने की अनुमति देगा.
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