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India News (इंडिया न्यूज), Same Sex Marriage दिल्ली: समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का अनुरोध करने वाली याचिका पर आज यानी मंगलवार 25 अप्रैल केस की सुनवाई का चौथा दिन है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने इस मामले पर कई बातें कही इसी दौरान याचिकाकर्ता की वकील गीता लूथरा ने कहा कि शादी एक जादुई शब्द है। उन्होंने पीठ से कहा कि शादी एक जादुई शब्द है और इस जादू का असर पूरी दुनिया में है इसका हमारे सम्मान और जीवन जीने से जुड़े मामलों से सीधा संबंध हैं।
याचिकाकर्ता की तरफ से अपना पक्ष रखते हुए उनकी वकील गीता लूथरा ने आगे कहा कि समलैंगिक विवाह करने वालों को शादी करने से वंचित करना ठीक वैसा ही है जैसे महिलाओं से उनके मतदान का अधिकार छीन लेना। यह ऐसा ही है जैसा पहले कभी लिंग के आधार पर महिलाओं को वोट देने के अधिकारों को छीन लिया जाता था।
न्यायमूर्ति श्रीपति रवींद्र भट ने कहा कि उन्होंने देखा है कि संविधान की मूल संरचना की महत्वपूर्ण अवधारणा देने वाले ऐतिहासिक केशवानंद भारती मामले में पूरे फैसले समेत दस्तावेजों के चार से पांच खंड मामले में दाखिल किए गए है।
उच्चतम न्यायालय ने इस मामले पर 20 अप्रैल को सुनवाई में कहा था कि सहमति से बने समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के बाद वह अगले कदम के रूप में ‘शादी की विकसित होती धारणा’ को फिर से परिभाषित कर सकता है पीठ इस दलील से सहमत नहीं थी उनका कहना था कि विषम लैंगिकों के विपरीत समलैंगिक जोड़े (gay couple) अपने बच्चों की उचित देखभाल करने में असमर्थ हो सकते है।
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