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India News (इंडिया न्यूज), Arvind Kejriwal Bail Hearing: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार (14 अगस्त) को सुनवाई करेगा। जिसमें उन्होंने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। इस मामले में जमानत मांगने वाली केजरीवाल की याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट अलग से सुनवाई करेगा। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक की दोनों याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। दरअसल, जब अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने सोमवार (13 अगस्त) को तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया तो सुप्रीम कोर्ट उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 5 अगस्त को मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को वैध ठहराया था। उन्होंने कहा था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की कार्रवाई में कोई दुर्भावना नहीं है। जो दिखाता है कि आम आदमी पार्टी के नेता गवाहों को कैसे प्रभावित कर सकते हैं, जो उनकी गिरफ्तारी के बाद ही गवाही देने का साहस जुटा पाए।हाईकोर्ट ने उन्हें सीबीआई मामले में नियमित जमानत के लिए निचली अदालत में जाने को कहा था। हाईकोर्ट ने कहा था कि सीबीआई द्वारा मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी और संबंधित साक्ष्य एकत्र करने के बाद उनके खिलाफ सबूतों का चक्र बंद हो गया था। यह नहीं कहा जा सकता कि यह बिना किसी उचित कारण या अवैध था।
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बता दें कि,दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा कहा गया कि केजरीवाल कोई आम नागरिक नहीं, बल्कि मैग्सेसे पुरस्कार विजेता और आम आदमी पार्टी के संयोजक हैं। हाईकोर्ट ने कहा था कि गवाहों पर उनका नियंत्रण और प्रभाव इस तथ्य से प्रथम दृष्टया स्पष्ट है कि ये गवाह याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी के बाद ही गवाही देने का साहस जुटा पाए। जैसा कि विशेष अभियोजक ने उजागर किया है। कोर्ट ने कहा कि यह स्थापित करता है कि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी के बाद संबंधित साक्ष्य एकत्र करने के बाद उनके खिलाफ सबूतों का चक्र बंद हो गया था। प्रतिवादी (सीबीआई) के कृत्यों से किसी दुर्भावना का पता नहीं लगाया जा सकता है।
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