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Delhi Air Pollution: हर नागरिक बनेगा पर्यावरण प्रहरी, जानिए कैसे बचा सकते हैं दिल्ली की हवा

Pratibha Pathak • LAST UPDATED : September 23, 2024, 11:44 am IST

Delhi Air Pollution

India News (इंडिया न्यूज),Delhi Air Pollution: दिल्ली की सर्दियों में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एक नई पहल शुरू की है। इस पहल के तहत संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) और सिटीजन चार्टर जारी किया गया है, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के हर नागरिक को पर्यावरण प्रहरी की भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। चार्टर में साफ तौर पर बताया गया है कि हर नागरिक की जिम्मेदारी क्या होगी और उन्हें किस प्रकार से प्रदूषण कम करने में योगदान देना है।

नागरिक अपनी गाड़ियों का हर अप-टू-डेट रखे

सिटीजन चार्टर में ग्रेप के चारों चरणों के अनुसार, नागरिकों की जिम्मेदारियों को विस्तार से बताया गया है। यह चरण एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के स्तर के आधार पर लागू किए जाएंगे। अगर दिल्ली का एक्यूआई स्तर खराब (201-300) होता है, तो पहले चरण के अनुसार नागरिकों को अपनी गाड़ियों का पीयूसी अप-टू-डेट रखना होगा, रेड लाइट पर इंजन बंद करना होगा, और हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता देनी होगी। साथ ही, प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों की रिपोर्टिंग के लिए ग्रीन दिल्ली एप और 311 एप का उपयोग भी आवश्यक होगा।

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सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा इस्तेमाल करें

दूसरे चरण में, जब एक्यूआई बहुत खराब (301-400) हो, तो नागरिकों से निजी वाहनों का उपयोग कम करने और सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा इस्तेमाल करने का आग्रह किया गया है। साथ ही, धूल उत्पन्न करने वाले निर्माण कार्यों को अक्टूबर से जनवरी तक टालने और कूड़ा व बायोमास जलाने से बचने की सलाह दी गई है।

साइकिल या पैदल चलने की सलाह

तीसरे चरण में, जब वायु गुणवत्ता गंभीर (401-450) हो, तो कम दूरी की यात्रा के लिए साइकिल या पैदल चलने की सलाह दी गई है। नागरिकों को स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों का उपयोग करने और वर्क फ्रॉम होम को प्राथमिकता देने की बात कही गई है। इस चरण में कोयला या लकड़ी जलाने के बजाय इलेक्ट्रिक हीटर का उपयोग करना भी जरूरी होगा। आखिरी और चौथे चरण में, जब स्थिति आपातकालीन (450 से अधिक) हो, तो बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को घर के अंदर रहने और आउटडोर एक्सरसाइज से बचने की सलाह दी गई है। यह सिटीजन चार्टर स्वैच्छिक है, यानी इसका पालन करना अनिवार्य नहीं है, लेकिन यदि नागरिक इसका पालन करते हैं, तो दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार लाना संभव हो सकता है। सीएक्यूएम की यह पहल प्रत्येक व्यक्ति को यह याद दिलाती है कि प्रदूषण से लड़ाई में सरकारी प्रयासों के साथ-साथ नागरिकों का योगदान भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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