India News ( इंडिया न्यूज़ ), Delhi: दिल्ली में एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल ने 2 साल के मृत बच्चे का हृदय जीवन रक्षक प्रत्यारोपण के लिए चेन्नई पहुंचाया है। मिली जानकारी के मुताबिक इसे दो हजार किलोमिटर के सफर को पूरा करने में लगभग साढ़े तीन घंटा का समय लगा है। जिसके बाद इसे चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर तक पहुंचाया गया।
- 2 साल के मृत बच्चे का हृदय जीवन रक्षक प्रत्यारोपण के लिए चेन्नई पहुंचाया
- 8 महीने के एक बच्चे में प्रत्यारोपित किया गया
डाइलेटेड कार्डियक मायोपैथी
इस हृदय को 8 महीने के एक बच्चे में प्रत्यारोपित किया गया है। जिसे डाइलेटेड कार्डियक मायोपैथी नाम की बीमारी था। डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी एक ऐसी बीमारी है, जिसकी वजह से हृदय की मांसपेशियां कमजोर और बड़ी हो जाती हैं। जिसके कारण हृदय पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता है। जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन के मुताबिक इस स्थिति में इस बीमारी से पीड़ित लोगों को सांस फूलना और लगातार थखान जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही हार्ट बीट असमान्य भी हो सकती है।
बच्चों को नया जीवन मिला
इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट एंड के निदेशक डॉ. केआर बालाकृष्णन द्वारा एबीओ-असंगत हृदय सर्जरी का संचालन किया गया।जिसकी मदद से बच्चों को नया जीवन मिला है। डॉक्टर द्वारा जानकारी दी गई की पूरी प्रक्रिया दिल्ली से दोपहर 1:30 बजे शुरू हई। जिसे शाम 4 बजे चेन्नई पहुंचा कर पूरा कर लिया गया।
बता दें कि इस तरह के विशेष कार्य के लिए ग्रीन कॉरिडोर का इस्तेमाल किया जाता है। ग्रीन कॉरिडोर एक ऐसा मार्ग है जहां ट्रैफिक नहीं होती है। इस मार्ग को केवल इमरजेंसी सीचुएशन में ही इस्तेमाल किया जाता है।
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