संबंधित खबरें
दिल्ली हाईकोर्ट से मिली ओवैसी को बड़ी राहत, फ़ैसले ने AIMIM को दिया सुकून
राजधानी दिल्ली में संपत्ति खरीदने पर अब नहीं होंगे धोखाधड़ी के शिकार, 12 लाख संपत्तियों का डेटा ऑनलाइन, जानें पूरा मामला
1984 सिख विरोधी दंगों के 47 पीड़ितों को LG सक्सेना ने बांटे नियुक्ति पत्र, पहले भर्ती योग्यता में मिली थी छूट
चलती बस से कूदी लड़की, बस में फैली यौन शोषण की…महिला के मेडिकल से हुआ बड़ा खुलासा
दिल्ली में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के ऑफिस आने के टाइमिंग में बदलाव, इस सलाह के साथ जारी हुआ आदेश
CM आतिशी ने रोहिणी में नए स्कूल का किया उद्घाटन, वर्ल्ड क्लास शिक्षा देना हमारा मकसद
India News (इंडिया न्यूज),Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को एमसीडी पार्षदों की निधि बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। सिद्धार्थनगर से पार्षद सोनाली ने जनहित में फंड की बढ़ोतरी के लिए अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी कि पार्षदों का फंड एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये किया जाए। हालांकि, अदालत ने इसे अस्वीकार करते हुए कहा कि बजट के मसले पर वे हस्तक्षेप नहीं कर सकते।
मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट भी अपने फंड को लेकर संघर्ष कर रही है। ऐसे में अदालत फंड बढ़ाने का आदेश कैसे दे सकती है? अदालत ने याचिकाकर्ता को सुझाव दिया कि यह मुद्दा एमसीडी सदन और स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष उठाया जाए।
Delhi Police ASI Arrested: विजिलेंस की थाने में छापेमारी, पुलिस का ASI रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
पार्षद सोनाली ने अपनी याचिका में कहा कि एमसीडी के पार्षदों को दिए गए फंड से वे अपने वैधानिक कार्य पूरे करने में असमर्थ हैं। सड़क मरम्मत, पार्कों की देखरेख और स्कूलों के रखरखाव जैसे विकास कार्य फंड की कमी के कारण बाधित हो रहे हैं। याचिकाकर्ता ने बताया कि जब विधायकों को सालाना 15 करोड़ रुपये मिलते हैं, तब एमसीडी पार्षदों के लिए केवल एक करोड़ रुपये का प्रावधान असमानता दर्शाता है।
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि अपर्याप्त फंड के कारण दिल्ली में बुनियादी ढांचे की स्थिति खराब हो रही है, जिससे नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर संकट उत्पन्न हो गया है। हाई कोर्ट ने, हालांकि, याचिका का निपटारा करते हुए फंड की बढ़ोतरी के लिए कोई आदेश जारी करने से मना कर दिया और याचिकाकर्ता को उचित मंच पर अपनी बात रखने की सलाह दी।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.