India News (इंडिया न्यूज), Delhi Jal Board Scam: जल बोर्ड में अनियमिताओं पर उठे सवाल के बीच केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड का CAG ऑडिट करवाने के आदेश दिया है। CAG ऑडिट पिछले 15 साल की कराई जाएगी। दिल्ली सरकार के वित्त विभाग से दिल्ली जल बोर्ड ने कुछ दिनों पहले पैसे की मांग की थी। जिसे वित्त विभाग द्वारा नहीं दिया गया।
मिल रही जानकारी के मुताबिक जल बोर्ड ने इससे पहले जारी किए गए पैसे का हिसाब-किताब या यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट नहीं दिया था। जिसकी वजह से वित्त विभाग द्वारा पैसे नहीं दिए गए। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी जल बोर्ड में घोटाले का आरोप लगा रही थी। जिसके बाद अरविंद केजरीवाल ने यह आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज (बुधवार) कहा कि नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) को दिल्ली जल बोर्ड के रिकॉर्ड का ऑडिट करने का आदेश दिया गया है। जिससे यह पता लगाया जा सके कि क्या कोई गड़बड़ी हुई है या नहीं। साथ ही उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पैसे नहीं दिए जाने के कारण आने वाले दिनों में दिल्ली में पानी और सीवेज से संबंधी संकट हो सकती है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले दिल्ली की जल मंत्री आतिशी द्वारा यह दावा किया गया था कि जल बोर्ड को धनराशि रोकने के कारण दिल्ली ‘मानव निर्मित जल संकट’ की समस्या से जूझ रही है। साथ ही उन्होंने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग भी की थीं। इसके अलावा उन्होंने भ्रष्टाचार का विरोध करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियों द्वारा दिल्ली जल बोर्ड पर कई गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। इस पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन से हुआ है। यहां भ्रष्टाचार के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमने दिल्ली और पंजाब में अपने सीटिंग मंत्रियों तक को नहीं माफ किया। इसके बाद भी आज दिल्ली जल बोर्ड को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। जिसकी वजह से सीएम केजरीवाल ने यह फ़ैसला किया है। साल 2008 से लेकर अब तक दिल्ली जल बोर्ड के सभी एकाउंट का स्पेशल CAG ऑडिट किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि अगर ऑडिट में कोई भी अनियमितता सामने आती है तो दिल्ली सरकार इसपर सख़्त कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा कि फंड की दिक्कत GNCTD अमेंडमेंट एक्ट आने के बाद से शुरु हुआ है। क्योकि अधिकारियों पर कार्रवाई का पूरा अधिकार LG को दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि मंत्री के आदेश के बाद भी फंड नहीं दिया जा रहा है। जिसकी वजह से परेशानियां बढ़ती जा रही है। त्रिलोकपुरी में एक सीवर बैठ गया। जिसे रिप्लेसमेंट की ज़रूरत है, लेकिन ठेकेदारों द्वारा काम लेने से मना कर दिया गया है। क्योंकि उनका पेमेंट अबतक अटका हुआ है।
वहीं सीएम केजरीवाल का कहना है कि कैग देश की सबसे बड़ी एजेंसी है। इसके ऑडिट के बाद चीजें साफ हो जाएंगी। अगर इस मामले में कोई अनियमितता की गई है तो सामने आएगा। अगर नहीं हुई है तो बेबुनियाद आरोप लगाने वालों को पता चल जाएगा। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने भी केजरीवाल सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। बता दें कि इस मामले में पिछले कई दिनों से बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच नोकझोंक जारी है।
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