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India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Ramleela: इस साल दिल्ली में 100 से अधिक रामलीलाओं के मंचन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, क्योंकि डीडीए इससे जुड़ी समितियों को सिर्फ 10 दिन के लिए मैदान आवंटित करने की पेशकश कर रहा है। इसी तरह डीयूएसआईबी द्वारा एमसीडी व अन्य विभागों से महंगा किराया मांगने और नए नियम लागू करने के कारण भी दिक्कतें आ रही हैं। रामलीला समितियों ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप का अनुरोध किया है।
दिल्ली में रामलीला आयोजन का इतिहास मुगल काल से है। इस समय 550 से अधिक रामलीलाओं का मंचन हो रहा है, जिनमें से 250 से अधिक खुले मैदानों में होती हैं। जबकि, सबसे अधिक लंबित मामले डीडीए से जुड़े हैं, जिनकी संख्या 100 से अधिक है। मामले से जुड़े लोगों के अनुसार, रामलीला के आयोजन की तैयारियां महीनों पहले से शुरू हो जाती हैं। इसके लिए अगस्त माह में मैदान की बुकिंग के साथ ही विभिन्न विभागों से आवश्यक अनुमति लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
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इस साल रामलीला का मंचन 3 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक होगा। श्री रामलीला महासंघ के अध्यक्ष अर्जुन कुमार के अनुसार डीडीए की वेबसाइट पर मैदान के लिए आवेदन करने पर सिर्फ 10 दिन का विकल्प आ रहा है। इस संबंध में उन्होंने डीडीए के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात की, लेकिन अधिकारी उनकी समस्या समझने को तैयार नहीं हैं। रामलीला मंचन की तैयारियों में 15 से 20 दिन का समय लगता है। इसमें मंच, टेंट, कुर्सियां, लाइटिंग, झूले आदि की व्यवस्था शामिल है। साथ ही मैदान के लिए बिना अनुमति के दिल्ली पुलिस और अग्निशमन विभाग जैसे विभागों से जरूरी मंजूरी नहीं मिलेगी। अर्जुन कुमार के अनुसार पिछले साल जब मंजूरी को लेकर कुछ अड़चनें आई थीं, तो उपराज्यपाल ने संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकर समस्या का समाधान किया था।
कुछ मामले ऐसे भी हैं, जहां 10 दिन की बुकिंग होने की स्थिति में रामलीला कमेटियों द्वारा बुकिंग न कराए जाने के बीच कुछ अन्य लोगों ने मैदान बुक करा लिया, जिससे एक नई तरह की समस्या पैदा हो गई है। चाट पकौड़े के लिए सिविक एजेंसियों द्वारा अलग से लाइसेंस लेने के साथ ही रामलीला कमेटियों से निकलने वाले गंदे पानी को साफ करने के लिए एसटीपी लगाने का नया नियम भी लागू कर दिया गया है, जिससे रामलीला कमेटियों की चिंता बढ़ रही है। इसी तरह DUSIB कुछ रामलीला कमेटियों से मैदान के लिए 50 लाख रुपये से अधिक की फीस मांग रहा है।
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