India News (इंडिया न्यूज), Delhi DTC Bus: दिल्ली में बंद हो चुकी DTC बसों को को एक बार फिर से इस्तेमाल करने का प्लान तैयार किया जा रहा है। खबरों की माने तो दिल्ली की बंद हो चुकी DTC बसों को मोबाइल किचन बनाकर इस्तेमाल करने का प्लान बनाया गया है। इस योजना के तहत राजघाट पावर प्लांट के सामने वाटिका पार्क में 2010 से चल रही मोबाइल किचन को बदलने की योजना बनाई जा रही है।

दिल्ली की रिटायर बसों का किया जाएगा इस्तेमाल

बता दें कि दिल्ली की रिटायर बसों को एक बार फिर से इस्तेमाल लाने के लिए DDA की यह एक बेहद खास योजना है। इस योजना के तहत इन बसों को भी उन्हीं फूड ट्रकों की तरह किचन में बदला जाएगा, जिन्हें आप अक्सर दिल्ली की सड़कों पर दौड़ते हुए देखते थे। इसके लिए हाल ही में एक पत्र भी जारी किया गया था, जिसमें निजी एजेंसियों और उद्यमियों को एक रिपोर्ट, लेआउट ड्राइंग और क्रिएटिव देने के लिए कहा गया था।

Ayodhya Ram Mandir: रामलला भी कलियुग में भरते हैं टैक्स! भर गया सरकार का खजाना, मंदिर के ट्रस्ट चंपत राय ने किया खुलासा

इसकी मदद से CNG से चलने वाली, लो-फ्लोर की बसों को मोडीफाई किया जा सकता है ताकि इसे एक कारगर रसोई के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। इस पत्र में बदलाव के लिए लागत और सामग्री के इस्तेमाल के बारे में भी जानकारी देने के लिए कहा गया था। इसके आवेदन का आखिरी दिन 8 मार्च था।

वाटिका पार्क में की जाएगी इस्तेमाल

DDA इस सभी बसों का इस्तेमाल वाटिका पार्क में मोबाइल किचन बनाने के लिए करने जा रही है ताकि रिटायर हो चुके वाहनों को एक बार फिर इस्तेमाल किए जाने को लेकर उदाहरण स्थापित किया जा सके। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि यदि यह योजना सफल होती है तो इसका इस्तेमाल अन्य जगहों पर भी किया जाएगा।

शराब पीकर हुए टाइट? तेज प्रताप यादव के बाद JDU के इस विधायक का Video हुआ वायरल, RJD ने कर दिया बड़ा खेला!

DDA ने जारी की स्टेटमेंट

DDA ने अपना स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि वेंडर हमें तकनीक और प्रपोजल की लागत बताएं, जिसमें मैटीरियल, डिजाइन, प्रोसेस और इस काम को पूरा होने का वक्त आदि शामिल हो। डीडीए ने हाल ही में असिता और बांसेरा में भी भोजन की सुविधाएं विकसित की हैं।

जानें, कब हुआ था बसों का निर्माण

आपको बता दें कि इन DTC बसों का जीवन अब खत्म हो चुका है। DTC की बस का निर्माण 2010 में किया गया था और यह 12 मीटर लंबी और 2.7 मीटर चौड़ी है और इसमें 36 यात्रियों के बैठने की जगह है। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि DDA के पास इस मामले में विशेषज्ञता की कमी है और इस वजह से उन्होंने एजेंसियों से मदद मांगी है।