संबंधित खबरें
दिल्ली हाईकोर्ट से मिली ओवैसी को बड़ी राहत, फ़ैसले ने AIMIM को दिया सुकून
राजधानी दिल्ली में संपत्ति खरीदने पर अब नहीं होंगे धोखाधड़ी के शिकार, 12 लाख संपत्तियों का डेटा ऑनलाइन, जानें पूरा मामला
1984 सिख विरोधी दंगों के 47 पीड़ितों को LG सक्सेना ने बांटे नियुक्ति पत्र, पहले भर्ती योग्यता में मिली थी छूट
चलती बस से कूदी लड़की, बस में फैली यौन शोषण की…महिला के मेडिकल से हुआ बड़ा खुलासा
दिल्ली में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के ऑफिस आने के टाइमिंग में बदलाव, इस सलाह के साथ जारी हुआ आदेश
CM आतिशी ने रोहिणी में नए स्कूल का किया उद्घाटन, वर्ल्ड क्लास शिक्षा देना हमारा मकसद
India News (इंडिया न्यूज़),Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली पुलिस से पूछा कि, दिल्ली में पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध को वह कैसे लागू करने जा रही है, उसकी रणनीति क्या है? इसके सम्बन्ध में दिल्ली (Delhi) पुलिस को बृहस्पतिवार को लिखित जानकारी देने के लिए भी कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ, भारत में पटाखों की बिक्री, खरीद और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
नाबालिग याचिकाकर्ता के अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि, अदालत के निर्देशों के बावजूद दिल्ली एनसीआर में खुलेआम पटाखों का व्यापार हो रहा है और कानून की धज्जियां उड़ाई गयी हैं। मैंने दिल्ली (Delhi) में पटाखे फोड़े जाने की मीडिया रिपोर्ट भी पेश की है। प्रतिबंध के बावजूद भी उन्हें दिल्ली में लाया कैसे गया? उनमें से कई में बेरियम भी है। दिल्ली पुलिस और एनसीआर में अन्य एजेंसियों को इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। क्येंकि इनकी लापरवाही के कारण ही ऐसा हुआ है।
जस्टिस बोपन्ना ने कहा, जहां तक दिल्ली (Delhi) की बात है तो इस साल किसी भी हालत में प्रतिबंध जारी रहेगा, लेकिन चिंता का विषय यह है कि, अगर प्रतिबंध है तो ऐसा होता कैसे है? इसका जवाब देना होगा। पीठ ने दिल्ली पुलिस को इस संबंध में अपनी कार्ययोजना से बृहस्पतिवार दोपहर 3 बजे अदालत को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।
शंकरनारायणन ने दिल्ली (Delhi) के चिंताजनक वायु प्रदूषण के स्तर पर एक रिपोर्ट पढ़ी और एआईएमएस और गंगाराम अस्पताल के पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ की एक रिपोर्ट का हवाला भी दिया है। जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि, दिल्ली में फेफड़ों और कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं जो कि एक चिंता का विषय है। शंकरनारायणन ने बताया कि, डॉक्टर ने कहा है कि, ‘जब वह एनसीआर क्षेत्र के बच्चों के फेफड़ों का ऑपरेशन करते हैं तो वह ग्रे होता है, जबकि इसे चमकीला गुलाबी होना चाहिए।’
ये भी पढ़ें-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.