ADVERTISEMENT
होम / दिल्ली / Dengue In Delhi कोरोना के बाद अब इस बीमारी ने फैलाए पांव

Dengue In Delhi कोरोना के बाद अब इस बीमारी ने फैलाए पांव

BY: Amit Sood • LAST UPDATED : November 11, 2021, 12:12 pm IST
ADVERTISEMENT
Dengue In Delhi कोरोना के बाद अब इस बीमारी ने फैलाए पांव

Dengue In Delhi

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Dengue in Delhi देशभर में कोरोना का कहर अभी पूरी तरह से थमना नहीं हैं वहीं अब डेंगू के बढ़ते मामलों ने परेशान करना शुरू कर दिया है। जी हां, कोरोना वायरस की तरह डेंगू भी दिल्ली में अपने पैर पसार रहा है। अस्पतालों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें मरीज को कुछ समय पहले डेंगू हुआ था, दोबारा संक्रमित होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। जांच में डेंगू का अलग स्ट्रेन मिला है जिसने सबको सकते में डाल दिया है।

डेंगू के 4 सीरो टाइप स्ट्रेन (Dengue In Delhi)

आईएलबीएस अस्पताल के निदेशक डॉ. एसके सरीन का कहना है कि डेंगू के 4 सीरो टाइप स्ट्रेन होते हैं, मरीजों में अभी जो स्ट्रेन मिले हैं, वे बेहद घातक हैं। डेंगू मरीजों में ऐसे करीब पांच से छह मामले देखने को मिले हैं। वहीं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉ. नवल ने भी यही बात कही है।

अस्पतालों में बेड की कमी (Dengue In Delhi)

सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. अतुल गोगिया ने जानकारी देते हुए बताया कि अस्पतालों में बेड का संकट हो गया है। हालात ऐसे हैं कि बिस्तर न होने पर मरीज को स्ट्रेचर पर रखना पड़ रहा है। जवान से लेकर बुजुर्गों सभी में डेगूं के मरीज देखने में आ रहे हैं।

Also Read : Covid-19 Update 13091 नए केस आए सामने

Connect With Us : Twitter Facebook

Tags:

Dengue in Delhi

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

Himachal Weather Report: भारी स्नोफॉल से सेब की फसलों पर बढ़ा खतरा! बदलते मौसम ने बढ़ाई बागबानों की चिंता  India News (इंडिया न्यूज), Himachal Weather Report:  हिमाचल प्रदेश में इस बार मौसम के अप्रत्याशित बदलाव से सेब बागबानों की चिंता बढ़ गई है। बढ़ते तापमान के कारण सेब के पौधों में समय से पहले ही कोंपलें फूटने लगी हैं, जो कि फसल के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, जब सेब के पौधे पर कोंपलें जल्दी फूटती हैं, तो पौधा तनाव में आ जाता है और बीमारियों से लड़ने की उसकी क्षमता कम हो जाती है।  डॉ. एसपी भारद्वाज ने बताया   इस मौसम में तापमान सामान्य से अधिक बढ़ चुका है, जिससे पहले से ही मार्च में कोंपलें फूटने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। विशेषकर शिमला के ठियोग, कोटखाई और मंडी के निचले क्षेत्रों में इस समस्या ने गंभीर रूप लिया है। इसके परिणामस्वरूप, पौधों में चिलिंग आवर्स (सर्दी की आवश्यक अवधि) की प्रक्रिया भी टूट रही है, जो सेब की सही वृद्धि के लिए जरूरी होती है।  बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज के अनुसार, इस स्थिति में पौधों में रस का संचार तेज हो जाता है, जिससे कोंपलें जल्दी अंकुरित होती हैं, जो बाद में मृत हो सकती हैं। यह स्थिति सेब की गुणवत्ता और पैदावार को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने बागबानों को सलाह दी है कि वे सेब के पौधों की प्रूनिंग और तौलियों से छेड़छाड़ से बचें।  IMD डिपार्टमेंट का मानना है   मौसम विभाग का मानना है कि आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट हो सकती है, जिससे सेब के पौधे सुप्तावस्था में चले जाएंगे और चिलिंग आवर्स की प्रक्रिया फिर से शुरू हो सकती है। इस गिरावट से सेब की फसल को कुछ राहत मिल सकती है। हालांकि, इन अनियमित मौसम परिस्थितियों ने हिमाचल प्रदेश के सेब बागबानों के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं, और उन्हें उम्मीद है कि मौसम की स्थिति जल्द सामान्य होगी।
Himachal Weather Report: भारी स्नोफॉल से सेब की फसलों पर बढ़ा खतरा! बदलते मौसम ने बढ़ाई बागबानों की चिंता India News (इंडिया न्यूज), Himachal Weather Report: हिमाचल प्रदेश में इस बार मौसम के अप्रत्याशित बदलाव से सेब बागबानों की चिंता बढ़ गई है। बढ़ते तापमान के कारण सेब के पौधों में समय से पहले ही कोंपलें फूटने लगी हैं, जो कि फसल के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, जब सेब के पौधे पर कोंपलें जल्दी फूटती हैं, तो पौधा तनाव में आ जाता है और बीमारियों से लड़ने की उसकी क्षमता कम हो जाती है। डॉ. एसपी भारद्वाज ने बताया इस मौसम में तापमान सामान्य से अधिक बढ़ चुका है, जिससे पहले से ही मार्च में कोंपलें फूटने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। विशेषकर शिमला के ठियोग, कोटखाई और मंडी के निचले क्षेत्रों में इस समस्या ने गंभीर रूप लिया है। इसके परिणामस्वरूप, पौधों में चिलिंग आवर्स (सर्दी की आवश्यक अवधि) की प्रक्रिया भी टूट रही है, जो सेब की सही वृद्धि के लिए जरूरी होती है। बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज के अनुसार, इस स्थिति में पौधों में रस का संचार तेज हो जाता है, जिससे कोंपलें जल्दी अंकुरित होती हैं, जो बाद में मृत हो सकती हैं। यह स्थिति सेब की गुणवत्ता और पैदावार को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने बागबानों को सलाह दी है कि वे सेब के पौधों की प्रूनिंग और तौलियों से छेड़छाड़ से बचें। IMD डिपार्टमेंट का मानना है मौसम विभाग का मानना है कि आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट हो सकती है, जिससे सेब के पौधे सुप्तावस्था में चले जाएंगे और चिलिंग आवर्स की प्रक्रिया फिर से शुरू हो सकती है। इस गिरावट से सेब की फसल को कुछ राहत मिल सकती है। हालांकि, इन अनियमित मौसम परिस्थितियों ने हिमाचल प्रदेश के सेब बागबानों के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं, और उन्हें उम्मीद है कि मौसम की स्थिति जल्द सामान्य होगी।
सर्दियों में दर्द से फटने लगा है सिर, नही कर पा रहे बरदाश, कर लें ये उपाय, जिना होगा आसान!
सर्दियों में दर्द से फटने लगा है सिर, नही कर पा रहे बरदाश, कर लें ये उपाय, जिना होगा आसान!
हत्या या आत्महत्या… नेशनल कबड्डी खिलाड़ी बहनों की कैसे हुई मौत? पुलिस को बिन बताए परिजनों ने किया अंतिम संस्कार
हत्या या आत्महत्या… नेशनल कबड्डी खिलाड़ी बहनों की कैसे हुई मौत? पुलिस को बिन बताए परिजनों ने किया अंतिम संस्कार
बाप रे! इतनी रकम खर्च कर भारत पहुंचा था सैफ अली खान का हमलवार, रौब देख पुलिस भी रह गई हैरान
बाप रे! इतनी रकम खर्च कर भारत पहुंचा था सैफ अली खान का हमलवार, रौब देख पुलिस भी रह गई हैरान
राजस्थान वासियों के लिए जरूरी खबर, इस दिन हजारों गांव रहेंगे बंद; नहीं मिलेंगी ये सभी सेवाएं
राजस्थान वासियों के लिए जरूरी खबर, इस दिन हजारों गांव रहेंगे बंद; नहीं मिलेंगी ये सभी सेवाएं
ADVERTISEMENT