संबंधित खबरें
Delhi Election 2025: दिल्ली उम्मीदवार चयन को लेकर हुई CEC की बैठक में राहुल गांधी ने कहीं यह बड़ी बात
घुसपैठियों को रोकने के लिए स्कूलों में चलेगा अभियान, जानें उन दर्जनों NGO का क्या…
Delhi Politics: 'महिला सम्मान योजना' पर BJP ने उठाए सवाल! AAP पर लगाए धोखे के आरोप
दिल्ली में बांग्लादेशी घुसपैठिए अब नहीं बचेंगे, पुलिस ने लिया ये बड़ा एक्शन
Delhi Crime News: जहांगीरपुरी में मनचलों ने किया चाकू से हमला! एक की मौत, दो नाबालिग गिरफ्तार
Ambedkar Controversy: बाबा साहब अम्बेडकर मुद्दे पर कांग्रेस के झूठे नरेटिव का आया जवाब! BJP का बड़ा प्लान
इंडिया न्यूज, New Delhi News। वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद के विवाद (Gyanvapi Masjid controversy) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने वाराणसी की जिला अदालत (Varanasi District Court) को ट्रांसफर कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि हम जिला जज (District Judge) पर सवाल नहीं उठा सकते, उन्हें 25 साल का अनुभव है। वहीं कोर्ट ने शिवलिंग मिलने वाले स्थान को सील रखने और मुस्लिमों को सीमित संख्या में नमाज पढ़ने देने और अलग स्थान पर वजू करने के आदेश को भी लागू रखा है। कोर्ट ने कहा कि 17 मई को लागू किया गया यह आदेश 8 सप्ताह यानी 17 जुलाई तक लागू रहेगा। उसके बाद ही इस मामले की शीर्ष अदालत में सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा प्रयास शांति व्यवस्था बनाए रखना है। यह काम अंतरिम आदेश से हो सकता है। हम देश की एकता के लिए एक संयुक्त मिशन पर हैं। वहीं कोर्ट ने कहा कि एक बार यहां रिपोर्ट आ जाए तो फिर वह सेलेक्टिव तौर पर लीक नहीं हो सकती। इसके साथ ही बेंच ने हिदायत दी कि रिपोर्ट (Gyanvapi masjid Survey Report) लीक नहीं होनी चाहिए। इसे सिर्फ जज ही खोल सकते हैं।
हिंदू पक्ष ने कहा कि यह मामला 100 साल से पुराना है और यह 1991 के प्लेसेज आफ वर्शिप ऐक्ट (Places of Worship Act) के दायरे में नहीं आता है। ऐसे में इस केस की सुनवाई और सर्वे के लिए कोर्ट कमिशन के गठन पर सवाल नहीं उठाया जा सकता।
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने पूछा कि आखिर सर्वे रिपोर्ट लीक कैसे हो गई। इसके अलावा मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने सर्वे के लिए कोर्ट कमिशन के गठन को भी असंवैधानिक करार दिया। इसके अलावा उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का सुझाव दिया।
इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ (Justice Chandrachud) ने कहा कि जिला जज के फैसले पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है, उनका 25 साल का लंबा अनुभव है और उन्हें सुनवाई करने देना चाहिए। बेंच ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि शांति, सौहार्द और भाईचारा बना रहे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जिला जज अनुभवी न्यायिक अधिकारी होते हैं, हम उन्हें आदेश जारी नहीं कर सकते।
इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में भी शुक्रवार को ही सुनवाई होनी थी, लेकिन यह टाल दी गई। वाराणसी के अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद (Anjuman Intejamiya masjid) और अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया (Justice Prakash Padia) ने सुनवाई की अगली तारीख 6 जुलाई तय की।
इस केस में मूल वाद वर्ष 1991 में वाराणसी की जिला अदालत में दायर किया गया था, जिसमें वाराणसी में जहां ज्ञानवापी मस्जिद मौजूद है, वहां प्राचीन मंदिर बहाल करने की मांग की गई थी। वाराणसी की अदालत ने 8 अप्रैल, 2021 को पांच सदस्यीय समिति गठित कर सदियों पुरानी ज्ञानवापी मस्जिद का समग्र भौतिक सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था।
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
ये भी पढ़ें : ज्ञानवापी मस्जिद मामले में टली सुनाई, इलाहाबाद हाईकोर्ट में अब छह जुलाई को हियरिंग, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.