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Inter Religion Marriage: 'मुस्लिम शख्स से शादी करने का मतलब धर्म…', दिल्ली HC ने कही ये बड़ी बात

BY: Pratibha Pathak • LAST UPDATED : January 25, 2025, 10:58 am IST
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Inter Religion Marriage: 'मुस्लिम शख्स से शादी करने का मतलब धर्म…', दिल्ली HC ने कही ये बड़ी बात

‘मुस्लिम शख्स से शादी करने का मतलब धर्म…’, दिल्ली HC ने कही ये बड़ी बात

India News (इंडिया न्यूज),Inter Religion Marriage: दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि किसी हिंदू महिला का मुस्लिम व्यक्ति से विवाह करने मात्र से उसका धर्म इस्लाम में परिवर्तित नहीं होता।

जानिए क्यों दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐसी बात कही

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक इस दावे के समर्थन में ठोस सबूत प्रस्तुत नहीं किए जाते, तब तक इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह फैसला जस्टिस जसमीत सिंह ने एक संपत्ति विवाद के मामले में सुनाया, जिसमें एक व्यक्ति की पहली पत्नी की बड़ी बेटी और उनकी दूसरी पत्नी के बेटों के बीच संपत्ति का बंटवारा विवाद चल रहा था। इस मामले में याचिकाकर्ता पुष्पलता ने अपने सौतेले भाइयों पर आरोप लगाया था कि वे उनके पिता की संयुक्त संपत्ति को उनकी सहमति के बिना बेचने का प्रयास कर रहे हैं। पुष्पलता ने 2005 के हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम के तहत संपत्ति में अपने हिस्से की मांग की थी। प्रतिवादियों ने तर्क दिया कि पुष्पलता अब हिंदू नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने यूनाइटेड किंगडम में पाकिस्तानी मूल के एक मुस्लिम व्यक्ति से विवाह किया है।

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इस तर्क को कोर्ट ने किया खारिज

हालांकि, कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि विवाह के आधार पर धर्म परिवर्तन का दावा तभी मान्य होगा जब इसके पर्याप्त प्रमाण प्रस्तुत किए जाएं। कोर्ट ने पाया कि प्रतिवादी पुष्पलता के इस्लाम अपनाने का कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सके। पुष्पलता ने हलफनामे में स्पष्ट किया कि शादी के बाद भी वह हिंदू धर्म का पालन करती हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पुष्पलता का मुस्लिम व्यक्ति से विवाह करना उनके धर्म परिवर्तन का प्रमाण नहीं हो सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि संपत्ति के बंटवारे में पुष्पलता और उनकी बहनों को उनके हिस्से का अधिकार है। इसके तहत, उन्हें हिंदू संयुक्त परिवार की संपत्ति और पीपीएफ खाते में से 1/4 हिस्सा मिलेगा। यह फैसला इस बात पर जोर देता है कि शादी के आधार पर धर्म परिवर्तन का दावा करना उचित नहीं है और इसे साबित करने के लिए ठोस प्रमाण आवश्यक हैं।

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Inter Religion Marriage

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