India News(इंडिया न्यूज),JNU Bans Protests On Campus: दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) हमेशा से ही कई कारणो से चर्चा में रहा है। जिसके बाद अब जेएनयू के नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है। जहां अब जेएनयू परिसर में विरोध प्रर्दशन करने पर रोक लगा दी गई है। जानकारी के लिए बता दें कि, जेएनयू ने अपने संशोधित चीफ प्रॉक्टर ऑफिस (सीपीओ) मैनुअल में कड़े नियम पेश किए हैं, जिसमें शैक्षणिक भवनों के 100 मीटर के भीतर दीवार पर पोस्टर लगाने, धरना देने या विरोध प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। वहीं इस नियम का उल्लंघन करने पर 20,000 रुपये तक का जुर्माना या निष्कासन हो सकता है। बता दें कि, पहले, प्रशासनिक ब्लॉकों के 100 मीटर के भीतर विरोध प्रदर्शन निषिद्ध था।

अक्टूबर की घटना को मद्देनजर उठाया गया कदम

जानकारी के लिए बता दें कि, अद्यतन मैनुअल का उद्देश्य असहमति पर अंकुश लगाना है और अक्टूबर में एक घटना का अनुसरण करता है जहां एक इमारत पर “राष्ट्र-विरोधी” नारा पाया गया था। जहां जेएनयू छात्र संघ ने नियमों का विरोध करते हुए इसे परिसर की संस्कृति को दबाने का प्रयास बताया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने टिप्पणी के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया है। इसके साथ ही बता दें कि, कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित मैनुअल, कुलपति या सक्षम प्राधिकारी को अपमानजनक, राष्ट्र-विरोधी या विघटनकारी समझी जाने वाली गतिविधियों के लिए लगाए गए जुर्माने के साथ दंडनीय कृत्यों को निर्धारित करने की शक्ति प्रदान करता है।

ये छात्र हो सकते है निष्कासित

वहीं विश्वविद्दालय ने ये नियम भी बनाए है कि, बार-बार सज़ा पाने वाले छात्रों को निष्कासन का सामना करना पड़ सकता है, और झूठे आरोपों के परिणामस्वरूप निष्कासन हो सकता है। प्रॉक्टोरियल पूछताछ के दौरान जिरह की अब अनुमति नहीं है, और विवाद के मामले में कुलपति का निर्णय अंतिम माना जाता है।

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