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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Parliament: आज से 20 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था, जब आतंकी घुसे उस समय दोनों सदनों की कार्यवाही 40 मिनट के लिए स्थगित चल रही थी। उसी समय विपक्षी सांसद ताबूत घोटोले को लेकर नारे लगाकर राज्यसभा और लोकसभा में हंगामा काट रहे थे कि तभी एक सफेद एंबेसडर कार में आए पांच आतंकवादियों ने 45 मिनट में लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को गोलियों से छलनी कर हिंदुस्तान को झकझोर के रख दिया। उस आतंकी हमले में संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे। आज संसद हमले की 20वीं बरसी है।
बता दें कि अमेरिका में हुए 9/11 आतंकवादी हमलों के सिर्फ तीन माह बाद ही दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर को ही आतंकवादियों ने निशाना बनाया था। गृह मंत्रालय और संसद के नकली स्टिकल लगी कार में सवार होकर आतंकवादी संसद परिसर में घुस आए थे। आजादी के बाद यह पहला अवसर था, जब संसद परिसर में आतंकवादी घुस आए और उस आतंकवादी हमले का खौफ आज भी देश की जनता के जेहन में ताजा है।
संसद की सुरक्षा व्यवस्था हालांकि, उस समय भी काफी मजबूत थी, लेकिन इस आतंकवादी घटना के बाद संसद की सुरक्षा को काफी बढ़ा दिया गया और फिर किसी आतंकी संगठन की यहां हमला करने या घुसपैठ की हिम्मत नहीं हुई। 13 दिसंबर 2001 को एके47 राइफल, ग्रेनेड लांचर, पिस्टल और हथगोले लेकर आतंकवादियों ने संसद परिसर के चारों ओर तैनात सुरक्षा घेरे को तोड़ दिया। जैसे ही आतंकवादी कार को अंदर ले गए, स्टाफ सदस्यों में से एक, कांस्टेबल को उनकी हरकत पर शक हुआ था।
इस हमले के बाद राष्ट्रीय राजधानी में आतंकवाद, संगठित अपराध और अन्य गंभीर अपराधों के मामलों को रोकने, पता लगाने और जांच करने के लिए 1986 में स्थापित दिल्ली पुलिस की आतंकवाद-रोधी इकाई स्पेशल सेल ने जांच का जिम्मा संभाला।
* 13 दिसंबर 2001 को संसद पर आतंकी हमले में संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे।
* उस दिन एक सफेद एंबेसडर कार में आए पांच आतंकवादियों ने 45 मिनट में लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को गोलियों से छलनी कर पूरे हिंदुस्तान को झकझोरा था।
* उस दिन संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था, जब आतंकी घुसे उस समय दोनों सदनों की कार्यवाही 40 मिनट के लिए स्थगित चल रही थी।
* कार्यवाही स्थगित होने के चलते पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी अपने अपने सरकारी निवास पर चले गये थे।
* उस समय गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी अपने कई साथी मंत्रियों और लगभग 200 सांसदों के साथ लोकसभा में ही मौजूद थे।
* अचानक से एक सफेद एंबेस्डर कार संसद परिसर में घुसी और तेजी से आगे बढ़ने लगी, सुरक्षाकर्मी उसे रोकने के लिए दौड़े।
* अचानक ही गाड़ी में बैठे पांच फिदायीन बाहर निकलते हैं और अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर देते हैं।
* पांचों आतंकवादी एके-47 से लैस थे और पांचों के पीठ और कंधे पर बैग थे। गोलियों की आवाज से दहशत फैल चुकी थी।
* संसद भवन के अंदर चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल था, जिसे जिधर कोना दिखाई दे रहा था वो उधर भाग रहा था।
* लालकृष्ण आडवाणी और रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज समेत तमाम वरिष्ठ मंत्रियों को फौरन सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया।
* इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने सदन के अंदर जाने वाले तमाम दरवाजे बंद कर दिये और अपनी अपनी पोजीशन ले ली।
* एक आतंकवादी ने गोली लगते ही खुद को उड़ा दिया, बाकी आतंकी बीच-बीच में सुरक्षाकर्मियों पर हथगोले भी फेंक रहे थे।
– सारे आतंकवादी चारों तरफ से घिर चुके थे और आखिरकार कुछ देर बाद एक-एक कर सभी ढेर कर दिये गये।
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